2019 का चुनाव जनता vs महागठबंधन होगा, विपक्ष के चुनावी गणित को नकारा : प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में नोटबंदी, जीएसटी, विपक्ष के महागठबंधन, सर्जिकल स्ट्राइक, कश्मीर में घुसपैठ, रिजर्व बैंक, सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्थाओं आदि विषयों पर बातें कहीं। उन्होंने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’, लोकसभा चुनाव, 2018 के विधानसभा चुनावों की हार में नोटबंदी एवं जीएसटी को वजह बताए जाने पर कहा कि नोटबंदी लोगों के लिए झटका नहीं थी, इस बारे में पहले ही आगाह कर दिया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि जीएसटी से देश में व्यापार करना आसान हुआ है।
विधानसभा चुनावों में हार का कारण नोटबंदी व जीएसटी को बताए जाने की बात पर प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बारे में जनता को काफी पहले आगाह कर दिया गया था। नोटबंदी लोगों के लिए झटका नहीं थी। वहीं, जीएसटी पर उन्होंने कहा कि इससे देश में व्यापार करना आसान हुआ है। पहले 30-40 फीसदी टैक्स चीजों पर लगता था, लेकिन अब नहीं। जिसने इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा, उससे उनकी सोच मालूम पड़ती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये जिसे महागठबंधन कहते हैं, यह बन क्यों रहा है। पांच साल में इस गठबंधन ने क्या किया। इन्हें चुनाव के वक्त ही जनता की याद क्यों आई। ये सभी अलग-अलग बातें करते हैं। ये खुद को बचाने का सहारा खोज रहे हैं, अपनी स्थिति छिपाने के लिए एक-दूसरे का हाथ थाम रहे हैं कि हाथ पकड़ लो तो बच जाएंगे। ये बातें करते हैं कि मोदी का ये करो, मोदी को वो करो। प्रधानमंत्री ने कहा, आप अखबारों के 10 पेज देख लीजिए ये गठबंधन के लोग आपको अलग-अलग बातें करते दिख जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं द्वारा राम मंदिर का मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि हमने मुस्लिम महिलाओं के ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही हम अध्यादेश लेकर आए। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस के सदस्यों से आग्रह करता हूं, देश की शांति के लिए आग्रह करता हूं कि कांग्रेस के सभी वकील मित्र कोर्ट में जाकर इसमें अड़ंगे न लगाएं। न्याय प्रक्रिया न्याय के तरीके से ही चले, रुकावटें न डाली जाएं। अन्य दल न्यायपालिका को अपना काम करने दें। जो भी होगा संविधान के दायरे में रहकर होगा।
कांग्रेस का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के अखबार उठाकर देख लीजिए, तब भी कहा जाता था कि भाजपा इतने में सिमट जाएगी, जबकि परिणाम आपके सामने है। यह काम इनकी टोली (कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन) का था। वे आज भी ऐसी बातें फैला रहे हैं। वे ऐसा नहीं करेंगे तो इनके गठबंधन में लोग आएंगे कैसे। खुद को बचाने के लिए ऐसी बातें फैलाई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2018 कई सारी उपलब्धियों वाला रहा। इसमें आयुष्मान भारत जैसी सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना शुरू हुई, कृषि क्षेत्र में बंपर पैदावार हुई। जहां तक विधानसभा चुनावों में हार की बात है तो ये हार-जीत पैमाना नहीं होती। हमारे लोग सत्ता विरोधी लहर के बीच चुनाव में उतरे थे। हालांकि, कई राज्यों के निकाय चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इसकी व्याख्या कर चुका हूं। कांग्रेस के लोग भी कहते रहे हैं कि कांग्रेस एक सोच है। कांग्रेस एक कल्चर है। यह कल्चर क्या है- वंशवाद, परिवारवाद, भाई-भतीजावाद, जातिवाद, अलोतांत्रिक, भ्रष्टाचार। यह इनके आसपास का राजनीतिक कल्चर है। मैं जब कांग्रेस मुक्त की बात करता हूं, तो मैं इस सोच की की बात करता हूं। कांग्रेस को भी इस कल्चर से मुक्त होना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके बारे में सोच बदलनी होगी। यह वर्ग किसी की दया पर नहीं, बल्कि अपने स्वाभिमान पर जीता है। आज ट्रेनों के एसी कोच से ज्यादा लोग हवाई यात्राएं कर रहे हैं, यह मध्यम वर्ग ही है। मुद्रा योजना में 15 करोड़ लोन पास हुए, इसका ज्यादा लाभ मध्यम वर्ग को ही मिला। घर बनाने के लिए इस वर्ग को 5-6 लाख रुपए की बचत होती है। सरकार इस वर्ग को राहत देने की दिशा में काम कर रही है।
मैं किसी सरकार की चर्चा को बढ़ाने के पक्ष में नहीं। एक भी गलत घटना हो तो वह नहं होना चाहिए। महात्मा गांधी और विनोबा भावे जो कहते थे, हमें उनका आदर करना चाहिए और यह हम सब की जिम्मेदारी है। हम दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें, हमारी भी भावनाओं की रक्षा होनी चाहिए। एक अरब विद्वान ने लिखा था कि भारत से यह सीखना चाहिए कि कैसे करोड़ों लोग मिल जुलकर रहते हैं। आज दुनिया भारत का उदाहरण दे रही है।
जो आरोप लगे हैं, वे मुझ पर व्यक्तिगत आरोप नहीं, सरकार पर आरोप है। मेरे पर आरोप है तो उन्हें खोजकर निकालना चाहिए कि किसने क्या किया। संसद में मैंने विस्तार से इसका जवाब दिया, जहां मुझे बोलने का मौका मिला, मैंने कहा। सुप्रीम कोर्ट में मसला स्पष्ट हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने बाल की खाल निकाल दी। फ्रांस के राष्ट्रपति ने और मैंने जवाब दिया, फिर भी ये आरोप लगाते हैं तो मीडिया को इनसे पूछना चाहिए कि कहां से वे यह सब बोल रहे हैं। मैं उनसे बार-बार उलझूं। आजादी के बाद लगातार लगातार इनकी सरकारों के कार्यकाल में रक्षा सौदों पर आरोप लगे। लेकिन, अब दलालों को जगह नहीं है इसलिए ये आरोप लगाने लगे हैं। ‘मेक इन इंडिया’ अगर 70 साल पहले शुरू हुआ, होता तो बाहर से मलाई खाने वाले नहीं आते।
जिस प्रकार हमारे जवानों को मारा गया, जलाया गया। उसने मुझे बहुत बेचैन किया। मेरा व्यक्तिगत गुस्सा, बेचैनी अलग बात है। मुझसे ज्यादा आग सेना के अंदर लगी थी। मैंने सेना से प्लान बनाने को कहा, खुली छूट दी। दो बार हमें तारीखें बदलनी पड़ीं क्योंकि मैं अपने जवानों की पूरी सुरक्षा चाहता था। यहां बात हमारी सेना की बात थी। मेरा यही कहना था कि सफलता मिले या विफलता, सूर्योदय के पहले हमारे लोग वापस आ जाने चाहिए। सैनिकों को नुकसान नहीं होना चाहिए, यह मेरी स्पष्ट भावना थी। उस पूरी रात में बेचैन रहा। मैंने आखरी जवान के सुरक्षित लौटने तक की सूचना मांगी। तब पाकिस्तान को जानकारी दी गई और सेना ने ही 11 बजे के करीब प्रेस कांफ्रेंस कर देश को इसकी जानकारी दी। जिस बारीकी से सेना ने इस ऑपरेशन को किया, मुझे नए सिरे से सेना की क्षमता का अहसास हुआ। मैं सिर झुकाकर सेना को नमन करता हूं।
कांग्रेस और राजनीतिक विश्लेषकों का यह कहना कि भाजपा संस्थानों को खत्म करने में जुटी है। इस प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को यह बोलने का कोईहक नहीं है। प्रधानमंत्री या पीएमओ के खिलाफ सीबीआई का इन्होंने क्या किया, देश जानता है। कैबिनेट मीटिंग के कागज के टुकड़े किए जाएं, यह कौन सी बात है। इन्होंने ज्यूडिशरी तय करने की बात की। इन्होंने जजों को समय से पहले रिटायर किया। ये लोग (कांग्रेसी) संस्थानों की बात नहीं कर सकते। ये आरबीआई से खिलवाड़ करते थे। स्वयं गवर्नर साहब (उर्जित पटेल) ने कहा कि वे निजी कारणों से इस्तीफा देना चाहते थे। वे छह महीने से मुझसे यह कह रहे थे। मैं कहता हूं कि उर्जित पटेल ने अच्छा काम किया।
एनडीए में नए लोगों को हम शामिल कर रहे हैं। 2014 में भी हम कई नए दलों को साथ लेकर आगे बढ़े। अभी मैं नाम नहीं ले सकता लेकिन कई दल जुड़ रहे हैं। शिवसेना की धमकी पर उन्होंने कहा कि हम सभी को साथ लेकर चलते हैं। हमने सभी को साथ जोड़ने की कोशिशें कीं। सभी फैसले हमारी सहमति से होते हैं। मैं मानता हूं कि राज्यों की अलग राजनीति होती है, हमारी इच्छा है कि साथी दल भी तरक्की करें। देशमें एक कल्चर है, जिसमें क्षेत्रीय हितों को स्वीकारना होगा, इसका महत्व मैं जानता हूं इसलिए भाजपा इन चीजों में ज्यादा सफल है।
प्रधानमंत्री ने कहा, यह कहना गलत है कि भाजपा उत्तर की है। हम गोवा व गुजरात में भी सत्ता में हैं। हम शहरी या ब्राह्मणवाद वाली पार्टी नहीं, यह सब दुष्प्रचार है। हमारे यहां सभी वर्ग के लोग हैं। हमारी पार्टी में तमिलनाडु से भी सांसद हैं और पूर्वोत्तर से भी। भाजपा चारों तरफ है, हम भाजपा के विस्तार के लिए प्रयास कर रहे हैं। जो हमारे साथ चलना चाहते हैं, हम हमेशा सबके साथ चलना चाहते हैं। हम जहां कमजोर हैं, वहां भी सबके साथ चलना चाहते हैं।
पाकिस्तान, आतंकवाद एवं घुसपैठ पर रणनीति के बारे में प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि वे ये बातें मीडिया में कहना उचित नहीं मानते। उन्होंने कहा, 1965 की लड़ाई आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘पाकिस्तान एक लड़ाई में सुधरे, यह संभव नहीं। पाकिस्तान को सुधरने में वक्त लगेगा।’ पाकिस्तान से बातचीत पर उन्होंने कहा कि भारत की किसी भी सरकार ने इससे इंकार नहीं किया। बात मोदी या मनमोहन की नहीं है। सभी विषयों पर हम चर्चा को तैयार हैं, क्योंकि हमारा ग्रांउंड मजबूत है। पहले बम, बंदूक और सीमा पार का आतंकवाद बंद होना चाहिए। आज आतंकियों को मदद करने वाला पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सभी प्रधानमंत्रियों की करीब इतनी ही विदेश यात्राएं होती हैं। अब अंतरराष्ट्रीय फोरम बहुत बन गए हैं, इसलिए जाना पड़ता है। मैं कम खर्च में अधिक काम करना पसंद करता हूं। जहां जाता हूं, वहां आसपास भी हो आता हूं। पहले जो जाते थे, उन्हें कोई नोटिस नहीं करता था, न देखने वाले न बुलाने वाले। आज मैं जाता हूं तो नोटिस किया जाता है, मैं क्या करता हूं, क्या करता हूं, यह भी नोटिस किया जाता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं मानता हूं कि मां गंगा ने मुझे बुलाया। एक बेटे के रूप में मैंने ईमानदारी से प्रयास किया। मैं किसी को दोष देना नहीं चाहता। दिवंगत राजीव गांधी के जमाने में इतने पैसे खर्च किए गए, तो सफलता क्यों नहीं मिली। फिर हमने अध्ययन किया, रणनीति बनाई। आप देखिए, 120 साल पुराना एक नाला जहां से करोड़ों लीटर गंदा पानी गंगा में बहता था, उसे बंद किया गया। गंगा के तट के 4000 गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए। कुछ निर्माण कार्यों में समय लगता है। अब गंगा में मिलने वाली गंदी नदियों को उसमें मिलने से रोकना है। अंतराष्ट्रीय शोध में बताया गया है कि अब गंगा का पानी साफ होने लगा है। हमने जिन चीजों को हाथ में लिया, वह असर दिखने लगा है।