लोक आयोग पर भ्रष्टाचार की जांच न करने का आरोप
रायपुर। किसान-मजदूर नेता ललित चंद्रनाहू व वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने छत्तीसगढ़ लोक आयोग पर भ्रष्टाचार की जांच-कार्यवाही व अनुशंसा का पालन न करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार से लोकपाल गठन की मांग की है। उनका कहना है कि आयोग में एक-एक कर भ्रष्टाचार की कई शिकायतें पहुंच रही हैं, लेकिन उसकी समय पर जांच नहीं हो पा रही है। अनुशंसा का समय पर पालन भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण मिलने लगा है।
पत्रकार वार्ता में आयोग में लंबित प्रकरणों की जानकारी देते हुए कहा कि लोक आयोग में प्रकरणों का निराकरण बहुत ही धीमी गति से हो रहा है। वर्ष-2012 के प्रकरणों को छह साल तक लंबित रखना चिंता का विषय है और वहां की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिंह खड़ा करता है। अवैध उत्खनन के मामले में संबंधितों के खिलाफ वसूली की जा चुकी है, इसके बाद भी फिर से वसूली की कार्यवाही की जा रही है। लोक आयोग द्वारा जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाखों के फर्जी भुगतान, सहकारी कृषि विकास बैंक महासमुंद के अध्यक्ष के विरुद्ध वाहन के दुरुपयोग व अपव्यय राशि की वसूली, स्कूलों में शौचालय निर्माण में तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन राकेश पांडेय द्वारा जय अम्बे फाउंडेशन रामनगर भिलाई करीब 33 लाख रुपये नियम विरुद्ध भुगतान के साथ बचाने का प्रयास करना और अंत में दोषमुक्त कर देना जैसे और कई मामले हैं। तत्कालीन प्रमुख लोकायुक्त जस्टिस सीएल भादू द्वारा एक आरोपी के विरुद्ध अनुशंसा, संरक्षण का मामला भी सामने आया था।