न्यूज़ डेस्क। ‘सोनिया सेना’ के नए अवतार में जानी जा रही शिवसेना की हालत दिनोंदिन बुरी होती जा रही है। महाराष्ट्र में ऐन केन प्रकरण सत्ता की नैया खे रही शिवसेना का बिहार विधानसभा चुनावों में भी बुरा हाल हुआ है। दरअसल, शिवसेना को बिहार में नोटा से भी कम वोट हासिल हुए हैं। शिवसेना ने बिहार में अपने 22 उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें 21 को नोटा से भी कम मत प्राप्त हुए हैं। इस पर तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ ही सोशल मीडिया भी चुटकी ले रहा है। अर्पिता चटर्जी नाम की एक यूजर ने लिखा है कि शिवसेना ही नोटा को टक्कर देने वाली सबसे अच्छी पार्टी हो सकती है।
अर्पिता ने लिखा है कि शिवसेना नोटा को चुनौती देने वाली सबसे अच्छी पार्टी है। महाराष्ट्र को भी अब इसके लिए तैयार हो जाना चाहिए। क्योंकि वहां भी PM मोदी का सुपरवेब आ रहा है।
Shivsena is the best party to give a tough challange to NOTA 😂 Maharashtra get ready #PmModiSuperWave is coming there too . @PMOIndia @narendramodi ji rocks . pic.twitter.com/5MRjNVrCCi
— Arpita Chatterjee ( Modi Ka Parivar) (@asliarpita) November 11, 2020
बिहार में कुछ सीटों पर शिवसेना की स्थिति देखें तो बेनीपुर में नोटा में डाले गए वोटों की संख्या 2145 है, जबकि शिवसेना को मिले वोटों की संख्या 469 है। राघोपुर में शिवसेना को महज 30 मिले, जिसके मुकाबले नोटा को उससे दस गुना ज्यादा 310 सीट मिले। गया में शिवसेना को 21 जबकि नोटा को 79 वोट मिले। किशनगंज विधानसभा में शिवसेना पर महज 49 लोगों ने भरोसा जताया, जबकि नोटा दबाने वाले मतदाताओं की संख्या 75 रही। मधुबनी में 21 लोगों को शिवसेना को वोट दिया, जबकि 79 मतदाताओं ने नोटा को वोट दिया।
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शिवसेना की हालत पर लोग खूब चुटकी ले रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि नोटा नहीं लोटा दे दिया है इनके हाथ में। एक यूजर ने लिखा है कि ‘शिवसेना नोटा से भी छोटा’ को ट्रेंड कराना चाहिए। शिवसेना के बड़बोले नेता संजय राउत पर चुटकी लेते हुए एक यूजर लिखा- वाह क्या शानदार प्रदर्शन है। इसका पूरा श्रेय संजय राउत को जाता है। अभी शिवसेना का CM शपथ लेगा वरना कोई पुराना केस ओपन कर देंगे।