मुकेश गुप्ता व रजनेश सिंह ने दिया झूठा साक्ष्य,एफआईआर
रायपुर। एसीबी और ईओडब्लू ने एक और एफआईआर की है, उसका क्राईम नंबर है 07/2019. इस मामले में भी कमोबेश वही धाराएँ और आरोप है जो कि पिछली एफआईआर में हैं। जो धाराएँ लगी है उसका अर्थ है कि किसी प्रकरण में लोक सेवक होते हुए मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह ने लोक सेवक के पदीय दायित्वों के तहत कार्य नही किया, जो कार्यवाही की उससे किसी को लाभ पहुँचाने के लिए पदीय दायित्वों के दुरुपयोग किया, अदालत मे झूठा साक्ष्य प्रस्तुत किया और वास्तविक साक्ष्य को ग़ायब कर दिया, एफआईआर के अनुसार मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर आरोप है कि उन्होने दस्तावेज़ो में कूट रचना की और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का सहारा लिया या कि उनसे छेड़छाड़ की।
मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के खिलाफ हालिया दिनों में वीरेंद्र पांडेय ने शिकायत की थी कि, पैसे लेकर अपराध को दर्ज करने या ना करने का निर्धारण करते थे, कई बार पैसे लेने पर एफआईआर तक फाड़ दी जाती थी, विरेंद्र पांडेय ने करीब सप्ताह भर पहले अभिलेख समेत शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी थी, वहीं दो अन्य शिकायतें ननकी राम कँवर ने भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी थी।