वनाधिकार के निरस्त दावों के पुनर्विचार के लिए चलेगा विशेष अभियान
रायपुर। रायपुर संभाग के आयुक्त श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने वन अधिकार दावों के निरस्त मामलों का पुनर्विचार कर पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार प्रमाण पत्र वितरण हेतु विशेष अभियान चलाने के निर्देश संभाग के सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और वनमण्डलाधिकारियों को दिए हैं।
संभागायुक्त ने इस संबंध में जारी पत्र में कहा है कि वन अधिकार दावों के मामलों में पुनर्विचार और प्रमाण पत्र वितरण हेतु राजस्व, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिम जाति कल्याण और कृषि विभाग द्वारा संयुक्त रूप से समयबद्ध कार्ययोजना अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। चुरेन्द्र ने कहा कि इसके लिए 15 से 19 जनवरी तक पूर्व में निरस्त दावों की खोजबीन, सूचीकरण व क्रमबद्ध रूप से संयोजित करना। इसके लिए ग्राम वनाधिकार समिति, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय, वनपरिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय, कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व अनुविभागीय अधिकारी वन, वनमण्डाधिकारी कार्यालय, सहायक आयुक्त कार्यालय, कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा आदि स्थानों से प्रकरणों की खोजबीन कर समस्त प्रकरणों का सूचीकरण कर क्रमबद्ध रूप से जमा कर तैयार किया जाए।
इसी तरह 20 से 31 जनवरी तक निरस्त दावों का मौके में जाकर जांच, सर्वेक्षण, सीमांकन ग्राम वनाधिकार समिति के सदस्यों, ग्राम पटेल, कोटावार व गांव के पुराने सामाजिक प्रमुख व कृषि विभाग के अमला आदि की टीम गठित कर की जाए। चुरेन्द्र ने कहा कि एक फरवरी से 7 फरवरी तक ग्राम वनाधिकार समिति की ओर से जांच प्रतिवेदन प्रत्येक दावावार तैयार करना। 8 फरवरी से 10 फरवरी ग्राम सभा से अनुमोदन की कार्यवाही, 11 व 12 फरवरी को ग्राम पंचायत, ग्राम सभा द्वारा निर्णय, अनुमोदन किये गये दावों से संबंधित सूची प्रकरण क्रमबद्ध रूप में तैयार करना एवं जनपद तहसील कार्यालय को प्रस्तुत करना। 13 से 17 फरवरी तक जनपद व तहसील कार्यालय स्तर पर समस्त दावे कार्य का परीक्षण कर अंतिम सूचीकरण करना व संक्षिप्त प्रतिवेदन तैयार करना। 18 व 22 फरवरी को अनुविभागीय स्तरीय वनधिकार समिति स्तर पर दावों का विचारण, निर्णय अनुमोद, 23 व 26 फरवरी को जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की बैठक व दावों का विचारण, निर्णय व अनुमोदन, 27 फरवरी से 3 मार्च तक जिला वन समिति द्वारा वन अधिकार प्रमाण पत्र तैयार करना एवं वितरण की कार्यवाही करना। संभागायुक्त श्री चुरेन्द्र ने कहा कि सामुदायिक वन अधिकारों के तहत दावों के मामले में भी उपरोक्तानुसार कार्यवाही की जाए।