कुम्भ मेला में 15 जन. को मनेगी मकर संक्रांति, कुम्भ में ब्रह्ममुहूर्त से शाही स्नान होगा शुरू
प्रयागराज। दिव्य और भव्य कुम्भ का पहला मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त से शुरू हो जाएगा। स्नान के समयकाल में अमृत और साध्य योग रहेगा। इस काल में किए गए स्नान, दान से अधिक पुण्य मिलेगा। पं. दिवाकर त्रिपाठी ‘पूर्वांचली’ के अनुसार सूर्य की मकर राशि की संक्रान्ति 14 जनवरी, सोमवार को रात में 02:19 बजे से शुरू होगी। यानी देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु को छोड़कर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे।
शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद किसी भी समय मकर संक्रान्ति होने पर संक्रान्ति का पुण्य काल दूसरे दिन सूर्योदय से मध्याह्न तक रहता है। इसलिए मकर संक्रांति पर्व उदयातिथि में 15 जनवरी, मंगलवार को होगा और स्नान, दान का पुण्यकाल मध्याह्न तक रहेगा।
उदयातिथि की मान्यता: धर्मशास्त्रों में जिस तिथि में सूर्य उदय होता है उस तिथि को उदयातिथि कहा जाता है। सभी कार्यों का मुहूर्त तिथियों के अनुसार होता है। उदया तिथि का आशय सूर्योदय के समय मौजूद तिथि से है।
स्नान-दान का महत्व: इस दिन चावल, उड़द, गुड़, नमक, गेहूं, सोना, तिल, स्वर्ण, चंदन, कंबल, लकड़ी, वस्त्र आदि का दान किया जाना शुभ है। माना जाता है कि इस दिन ही महर्षि प्रवहरण को प्रयाग में स्नान करने से पांच अमृत तत्वों की प्राप्ति हुई थी।