नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को येस बैंक के खाताधारकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है और रिजर्व बैंक येस बैंक से जुड़े मुद्दों का तेजी से समाधान करने के लिए काम कर रहा है। सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं रिजर्व बैंक के साथ लगातार संपर्क में हूं। केंद्रीय बैंक की इस मामले पर पूरी पकड़ है और उसने इसके जल्द समाधान के लिए आश्वस्त किया है। मैं भरोसा दिलाना चाहती हूं कि येस बैंक के हर जमाकर्ता का धन सुरक्षित है।’’ उन्होंने कहा कि यह कदम जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में उठाए गए हैं। सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी इस मामले पर पूरी पकड़ है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने मुझे भरोसा दिलाया है कि येस बैंक के किसी भी ग्राहक को कोई नुकसान नहीं होगा।’’
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को सरकार से मशविरा करने के बाद येस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है। येस बैंक किसी भी तरह का नया ऋण वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि बैंक के ग्राहक 50,000 रुपये की सीमा में पैसे निकाल सकें, यह सुनिश्चित करना सबसे पहली प्राथमिकता है। अगले एक महीने के लिए रिजर्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियूक्त किया है। वहीं देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के निदेशक मंडल ने नकदी संकट से जूझ रहे येस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है।
यस बैंक संकट पर वित्त मंत्री पर @nsitharaman की प्रेस कॉन्फ्रेंस#YesBankCrisis #YesBank
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— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) March 6, 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि येस बैंक में क्या गलत हुआ और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिये। रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के बोर्ड को भंग करने और जमा खाताधारकों की निकासी सीमा तय करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक की 2017 से निगरानी की जा रही थी और इससे संबंधित गतिविधियों की हर दिन निगरानी की गई। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2017 से बैंक में प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण जैसी स्थिति को पाया। उन्होंने कहा कि कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने येस बैंक प्रबंधन में बदलाव का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ये फैसले बैंक के हित में किए गए और सितंबर 2018 में एक नए सीईओ की नियुक्ति हुई। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को भी येस बैंक में अनियमितताओं का पता चला।
I’m in constant touch with the RBI and they have assured that they will give a quick resolution. I also want to assure every depositor that the govt is fully seized of the developments and their money shall be safe: FM Smt. @nsitharaman on the Yes Bank issue. pic.twitter.com/PiP0RGrhuT
— BJP (@BJP4India) March 6, 2020
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार चाहती है कि रिजर्व बैंक तात्कालिकता की भावना के साथ यथोचित कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन योजना 30 दिनों में पूरी तरह प्रभावी हो जाएगी और एसबीआई ने येस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि येस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित रहने का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें येस बैंक ने कर्ज दिया था।