नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना संकट जैसी आपदा को अवसर में बदलने के लिए मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में आज किस सेक्टर को कितना मिला इसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। मोटे तौर पर करीब आज 6 लाख करोड़ रुपये की राहत कई सेक्टर को दी गई। सरकार ने एमएसएमई, एनबीएफसी, एमएफआई, डिस्कॉम, रियल एस्टेट, टैक्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत देने के लिए 15 घोषणाएं की। आइए जानें किसे कितना मिला..
सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार (MSME सेक्टर) को 3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त लोन का प्रावधान शामिल किया गया है। 3 लाख करोड़ रु के कोलेट्रल फ्री ऑटोमेटिक लोन की समयसीमा 4 वर्ष की होगी।पहले वर्ष मूलधन नहीं चुकाना होगा। वहीं कुटीर उद्योग इस वक्त संकट का सामना रहे हैं, उनके लिए 20000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें लगभग 2 लाख से ज्यादा एमएसएमई, कुटीर उद्योग को फायदा मिलेगा। फंड ऑफ फंड्स के जरिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले और विस्तार करने की इच्छा रखने वाले एमएसएमई को 50000 करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन। इससे अच्छा काम करने वाले एमएसएमई को आकार और क्षमता बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
MSMEs के लिए अन्य सहायता. #AatmaNirbharBharatAbhiyan pic.twitter.com/CCiv2bHYhF
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) May 13, 2020
नकदी संकट से जूझ रहीं डिस्कॉम्स यानी बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90000 करोड़ रु के लिक्विडिटी इंजेक्शन का प्रावधान किया गया है। ये धनराशि पीएफसी और आरईसी डालेंगी। यह एकबारगी मदद होगी।
LIVE: Press conference by FM @nsitharaman. #AatmanirbharBharat https://t.co/xrVWKxpFCL
— BJP (@BJP4India) May 13, 2020
निर्मला सीतारमण ने बताया कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के लिए 45 हजार करोड़ रुपये के लिक्विडिटी इनफ्युजन का ऐलान किया है। एक लंबे समय से इस सेक्टर में लिक्विडिटी की कमी देखने को मिल रही है। NBFC के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीमनॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान किया गया है।
यह एनबीएफसी / एचएफसी / एमएफआई और म्यूचुअल फंड के लिए liquidity सहायता प्रदान करेगा और बाजार में विश्वास पैदा करेगा। #AatmaNirbharBharatAbhiyan pic.twitter.com/VA90QK7mg6
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) May 13, 2020
15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान सरकार कर रही है। इसमें करीब 2500 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इससे 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है।
3 और महीनों के लिए बिजनेसेज और श्रमिकों के लिए 2500 करोड़ रुपए का EPF समर्थन. #AatmaNirbharBharatAbhiyan pic.twitter.com/SVWTBYCYcg
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) May 13, 2020