न्यूज़ डेस्क। सोशल मीडिया पर एक टूलकिट कल, 18 मई से ही काफी वायरल हो रहा है। देश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने वाले इस टूलकिट को लेकर कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई है। कांग्रेस ने इसे फर्जी बताते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पर केस दर्ज करने की मांग की। लेकिन आज, 19 मई को संबित पात्रा ने इस टूलकिट को बनाने वाले को खोज निकाला। पात्रा ने कुछ डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए ट्वीट किया कि दोस्तों कल कांग्रेस जानना चाहती थी कि टूलकिट का लेखक कौन है? प्लीज पेपर के प्रोपर्टीज को देखें। टूलकिट की लेखक सौम्या वर्मा हैं। सौम्या वर्मा कौन हैं… सबूत खुद बोल रहे हैं। क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी जवाब देंगे?
Friends yesterday Congress wanted to know who’s the Author of the toolkit.
Pls check the properties of the Paper.
Author: Saumya Varma
Who’s Saumya Varma …
The Evidences speak for themselves:
Will Sonia Gandhi & Rahul Gandhi reply? pic.twitter.com/hMtwcuRVLW— Sambit Patra (Modi Ka Parivar) (@sambitswaraj) May 19, 2021
ट्वीट के मुताबिक टूलकिट बनाने वाली सौम्या वर्मा कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा के दफ्तर में काम करती हैं। राजीव गौड़ा कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के चेयरमैन हैं। संबित पात्रा के इस खुलासे से कांग्रेस के देशविरोधी चेहरे का एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया है।
दरअसल सोशल मीडिया पर लीक वायरल टूलकिट में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और करीबी पत्रकारों से कहा गया है कि हरिद्वार कुम्भ मेले को कोरोना के लिए सुपर स्प्रेडर बताया जाए, जबकि ईद को एक सामाजिक मेल मिलाप के त्योहार की तरह से पेश किया जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का इस्तेमाल किया जाए। कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब की जाए।
इस टूलकिट ने कोरोना के समय कांग्रेस की नकारात्मक और देश विरोधी एजेंडे का भंडाफोड़ कर दिया है। इस टूलकिट में प्रधानमंत्री मोदी के साथ देश की छवि को भी खराब करने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के लिए इंडियन स्ट्रेन शब्द का इस्तेमाल किया जाए। देश की गलत छवि पेश करने के लिए कोरोना से मरने वालों की जलती हुई चिताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाए।
सोशल मीडिया पर लीक इस टूलकिट के अनुसार पीएम केयर्स फंड को निशाना बनाने के लिए देश के बुद्धिजीवियों की मदद लेकर ऐसा नैरेटिव बनाया जाए जिससे आम लोगों में गलत छवि बने। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि सेंट्र्ल विस्टा प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री मोदी का निजी घर बताकर लोगों में नाराजगी फैलाई जाए।