सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ मामलों की सुनवाई में तेजी लाने को कहा

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायलय ने सोमवार को निचली अदालत से कहा कि वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोपी तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ दायर मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाएं। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने तबलीगी जमात के 13 विदेशी सदस्यों को निजामुद्दीन में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए काली सूची में डालने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई के लिए 20 नवम्बर की तारीख तय की और निचली अदालत से इनके मामलों की सुनवाई तेजी से करने को कहा। जमात के सदस्यों की ओर से पेश हुई वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि आठ सदस्यों की रिहाई की मांग वाली याचिका पर निचली अदालत में 10 नवम्बर को सुनवाई होनी है।

वहीं वरिष्ठ वकील सी. यू. सिंह ने कहा कि प्रशासन ने मामले में पुनर्विचार की मांग की है, जिसमें जमात के कुछ सदस्यों को रिहा कर दिया गया है। पीठ ने पाया कि अदालत को ऐसी याचिकाओं को तेजी से निपटाना चाहिए। सिंह ने कहा, ‘‘ यह उनके लिए सजा बन गई है, रिहाई के बाद भी पुनर्विचार के लिए आवेदन किया गया है और अब उस पर सुनवाई होगी… उन्हें अपने देश वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई है।’’ इससे पहले, शीर्ष अदालत ने इन विदेशी तबलीगी सदस्यों की याचिका पर बिहार सरकार से जवाब मांगा था। वे चाहते थे कि उनके मामले राज्य में एक ही अदालत को सौंप दिये जायें।

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