न्यूज़ डेस्क। कांग्रेस का पूरा कुनबा लगातार बिखरता जा रहा है। अब राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बगावत का बिगुल बजा दिया है। पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने को तैयार बैठे हैं। कांग्रेस में आजकल भाई-बहन का राज चल रहा है और विरोध करने पर बहार का रास्ता दिखा दिया जाता है इससे साफ़ हो जाता है अब कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ एक परिवार की पार्टी बन के रह गई है। कांग्रेस में ऐसा क्यों हो रहा है? आखिर कांग्रेस में ये भगदड़ क्यों मची है? इसका जवाब हाल ही में बीजेपी का दामन थाम चुके मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता और बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विट से मिलता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विट में लखा है, “पुराने साथी रहे सचिन पायलट को भी हाशिये पर किया जाते देखा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार किए जाते देखकर दुखी हूं। इससे पता चलता है कि योग्यता और क्षमताओं के लिए कांग्रेस में जगह नहीं है।”
Sad to see my erstwhile colleague, @SachinPilot too, being sidelined and persecuted by Rajasthan CM, @ashokgehlot51 . Shows that talent and capability find little credence in the @INCIndia .
— Jyotiraditya M. Scindia (मोदी का परिवार) (@JM_Scindia) July 12, 2020
कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति ने पार्टी को पतन के रास्ते पर धकेल दिया है। कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति के कारण पार्टी के भीतर असंतोष उभरा है, जिसे पार्टी संभाल नहीं पा रही है। कांग्रेस से एक से बढ़कर एक कद्दावर नेता पार्टी को झटके पर झटका देते जा रहे हैं। किसी ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की कमी तो किसी ने अक्षम नेतृत्व को कारण बताया, लेकिन अब भी आलाकमान कान में तेल डालकर सोया हुआ है। आइए आपको बताते हैं कांग्रेस छोड़ते वक्त दिग्गज नेताओं ने अपनी व्यथा किस तरह व्यक्त की।
कांग्रेस में नई सोच, विचारधारा और नए नेतृत्व को मान्यता नहीं – सिंधिया
भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘ कांग्रेस पार्टी में रहकर मैंने 18-19 वर्षों में पूरी श्रद्धा के साथ देश-प्रदेश की सेवा करने की कोशिश की है। लेकिन मन दुखी है कि जो स्थिति आज उत्पन्न हुई है, मैं कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति उस संगठन से नहीं हो पा रही है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है वह कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी वास्तविकता से इनकार करती है, नई सोच, विचारधारा और नए नेतृत्व को मान्यता नहीं दी जाती है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के हाथ में देश का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित है।
कांग्रेस में विचारों की अभिव्यक्ति नहीं- रीता बहुगुणा
कांग्रेस की पूर्व दिग्गज नेता रीता बहुगुणा जोशी 2016 में बीजेपी में शामिल हुई थीं। उन्होंने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ा था। जीत दर्ज करने के बाद रीता को योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से उम्मीदवार बनाया। रीता यहां से अभी सांसद हैं। कांग्रेस छोड़ते समय रीता बहुगुणा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस निष्क्रिय हो गई है। प्रदेश का बड़ा से बड़ा नेता अपने विचारों को अभिव्यक्त नहीं कर पा रहा है। राहुल गांधी का नेतृत्व जनता को स्वीकार नहीं है।
कांग्रेस में कोई लोकतंत्र नहीं है – हेमंत बिस्वा शर्मा
पूर्वोत्तर के इस कद्दावर नेता ने 2015 में भाजपा जॉइन किया था। असम में शर्मा के पास वित्त, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विभाग हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन करते हुए हिमंत ने कहा था कि वह भाजपा की विचारधारा से प्रभावित होकर कांग्रेस छोड़ रहे हैं। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस छोड़ते समय हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा था कि सोनिया और राहुल को छोड़कर देश के सभी लोगों को भाजपा ज्वॉइन कर लेनी चाहिए। हिमंत ने यह भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस में कोई लोकतंत्र नहीं है। एक सांसद और विधायक का राहुल और सोनिया से मिलना मुश्किल है। क्या आप सोच सकते हैं कि आप राहुल और सोनिया के साथ एक डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खा सकते हैं, नहीं लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दरवाजे हर कार्यकर्ता के लिए खुले रहते हैं।