नई दिल्ली। सिक्किम में भारतीय जवानों से बुरी तरह पिटने के बाद अब चीन बार बार बयान बदलकर दुनिया के सामने अपनी बेइज्जति छिपाने की कोशिश में जुटा हुआ है। भारतीय जवानों से मार खाने के बाद चीन किस तरह मुंह छिपाने की कोशिश करते हुए शांति की बात करने लगा है।
भारतीय सेना पहले ही पुष्टि कर चुकी है कि सिक्किम में भारत-चीन सीमा के पास नाकुला में भारतीय और चीनी जवानों की झड़प हुई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि झड़प में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की बुरी तरह से पिटाई की है। भारतीय जवानों से पिटने के बाद चीनी सैनिक सरहद से भाग खड़े हुए। बताया जा रहा है कि झड़प 20 जनवरी को हुई। झड़प के बाद जहां चीनी सैनिक भाग खड़े हुए वहीं बाद में स्थानीय कमांडरों ने बातचीत के बाद मामले को सुलझा लिया। वहीं, अब चीनी विदेश मंत्रालय का भी सरहद पर हुई झड़प के बाद बयान आया है। चीनी विदेशमंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा है ‘हमारे सैनिक चीन-भारत सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चीन भारत से आग्रह करता है कि वह चीन से बातचीत करे और सीमा पर एकपक्षीय कार्रवाई से परहेज करे, जो भारत-चीन सीमा पर टेंशन बढ़ा सकता है। हम सरहद पर शांति बनाए रखने के लिए व्यावहारिक कदम उठा रहे हैं’
ये बयान चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से दिया गया है। जिसमें चीनी विदेश मंत्रालय भारत से शांति की आग्रह कर रहा है। इतिहास गवाह रहा है कि चीन शांति की बात तभी करता है जब उसने मुंह की खाई हो। सिक्किम सीमा पर भी भारतीय सैनिकों के हाथों पिटने के बाद अब चीन शांति की बात कर रहा है। लेकिन, चीन के सरकारी अखबार ने तो इस झड़प को ही अफवाह बता दिया। हम आपको बताते हैं कि आखिर ग्लोबल टाइम्स अब कर क्या प्रोपेगेंडा चला रहा था।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा करता है कि ‘भारतीय मीडिया में चीन-भारत सरहद पर झड़प होने की बात प्रसारित की जा रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि सरहद पर दोनों सेनाओं के झड़प में दोनों तरफ के कुछ सैनिक घायल हुए हैं। लेकिन, ग्लोबल टाइम्स को पता चला है कि ये खबर सिर्फ अफवाह है। चीन-भारत सीमा पर ऐसे किसी झड़क की बात से चाइना पिपल्स लिब्रेशन आर्मी(PLA) ने इनकार कर दिया है’
यानि आप समझ सकते हैं कि भारतीय जवानों से मार खाने के बाद चीनी मीडिया कैसे अपनी जनता को बहकाने की कोशिश में है। चीन की मीडिया अपनी जनता को असलियत से वाकिफ करवाना ही नहीं चाहती है। आपको याद होगा जब डोकलाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी तो भारत सरकार ने माना था कि हमारे कई जवान सरहद पर चीनी सैनिकों के साथ लड़ते हुए शहीद हुए हैं, लेकिन चीन शुरूआत में एक भी चीनी सैनिक के मारे जाने की बात से इनकार करता रहा। जबकि तमाम एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा जा रहा था कि भारत से ज्यादा चीनी सैनिक झड़प में मारे गये हैं। कई महीनों के बाद जाकर इसी ग्लोबल टाइम्स ने कई सैनिकों के मारे जाने की बात को माना था।