नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली NDA सरकार UPA सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन पर एक ‘श्वेत पत्र’ लाएगी। सूत्रों ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद का मौजूदा सत्र (बजट) भी इसी वजह से एक दिन (शनिवार तक) बढ़ाया जाएगा। यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र के माध्यम से भारत की आर्थिक बदहाली और अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इसमें उस समय उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के प्रभाव के बारे में भी बात की जाएगी।
केंद्र सरकार मनमोहन सिंह सरकार के दौरान हुए ‘आर्थिक कुप्रबंधन’ पर एक ‘श्वेत पत्र’ पेश करेगी। जानकारी के मुताबिक ये श्ववेत पत्र संसद में 9 या फिर 10 फरवरी को पेश किया जा सकता है। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ‘श्वेत पत्र’ में उन ‘सकारात्मक कदमों’ पर भी बात होगी जो उस वक्त उठाए जा सकते थे। वित्त मंत्री निर्मला सीथरामन ने गुरुवार (1 फरवरी) को अगले वित्तीय वर्ष के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए घोषणा की, “सरकार सदन के पटल पर एक श्वेत पत्र रखेगी।” उन्होंने कहा कि 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था को चरण दर चरण सुधारने और शासन प्रणालियों को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी।
Modi government will bring a 'white paper' on the economic mismanagement of the UPA government. The session of Parliament has also been extended for one day for this very reason. The White Paper will elaborate on India's economic misery and its negative impacts on the economy…
— ANI (@ANI) February 6, 2024
उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि लोगों में आशा जगाई जाए, निवेश आकर्षित किया जाए और बेहद जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए। सीतारमण, जो अपना छठा बजट पेश कर रही थीं, ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ को अपने ‘मंत्र’ के रूप में लेते हुए, सरकार ने उन चुनौतियों पर सही मायने में काबू पाया। संरचनात्मक सुधार किए गए, जन-समर्थक कार्यक्रम तैयार किए गए और तुरंत लागू किए गए, और रोजगार और उद्यमिता के लिए अधिक अवसरों के लिए स्थितियां बनाई गईं।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम लेते हुए कहा, ‘‘देश ने जितना परिवारवाद का खामियाजा उठाया है, उसका खामियाजा कांग्रेस ने भी उठाया है। अधीर बाबू की हालत देख रहे हैं। मल्लिकार्जुन खरगे इस सदन से उस सदन में चले गए। गुलाम नबी आजाद तो पार्टी से ही चले गए। ऐसे कई नेता परिवारवाद की भेंट चढ़ गए।’’
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘एक ही उत्पाद को बार-बार लांच करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान में ताला लगने की नौबत आ गई ’’
पीएम मोदी ने कहा, ”देश में जिस रफ्तार के साथ आज काम हो रहा है, कांग्रेस सरकार इस रफ्तार की कल्पना भी नहीं कर सकती. हमने गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए। इसमें से 80 लाख पक्के मकान शहरी गरीबों के लिए बने। कांग्रेस की रफ्तार से काम हुआ होता तो इतना काम होने में 100 साल लगते और 100 पीढ़ियां बीत जातीं।”