नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली सहित देशभर के शहरों और गांव के भीतर अब डेयरी फार्म और गौशाला खोलने की इजाजत नहीं होगी। डेयरी फार्म और गौशाला शहरों और गांव की सीमा से 200 मीटर की दूरी पर खोलने की इजाजत होगी। पर्यावरण हितों की अनदेखी कर देशभर में चल रहे डेयरी फार्म और गौशालाओं ने होने वाले वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने रा्ष्ट्रीय हरित अधिकरण को यह जानकारी दी है।
Please click on the link below to know 4pm bulletin of Cities Air Quality Index (AQI):https://t.co/zaaUkqQs3g#CPCB #AQIAlert pic.twitter.com/I77AhyXkti
— Central Pollution Control Board (@CPCB_OFFICIAL) October 15, 2020
NGT प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष डेयरी फार्म और गौशाला के नियमन के लिए तैयार की गई दिशा-निर्देश पेश करते हुए CPCB ने यह जानकारी दी है। नई दिशा-निर्देश के तहत शहर हो या गांव, जहां आबादी होगा, उससे 200 मीटर की दूरी पर डेयरी फार्म और गौशाला खोलने की इजाजत मिलेगी। इतना ही नहीं, नदी, तालाब, झील के अलावा अस्पताल और शिक्षण संस्थानों से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर ही कोई डेयरी फार्म या गौशाला खोल सकता है। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग और नहरों से 200 मीटर की दूरी पर खोलने की इजाजत होगी।
CPCB की ओर जारी दिशा-निर्देश के तहत नगर निगम व अन्य स्थानीय निकायों से इसके लिए वायु और जल अधिनियम के तहत अनुमति भी लेनी होगी। NGT ने गौशाला और डेयरी फार्म खोलने और इसके नियमन के लिए जारी दिशा-निर्देश को मंजूरी देते हुए इसे लागू करने की हरी झंडी दे दी है। ट्रिब्यूनल ने नुग्गेहाली जयसिम्हा की ओर से दाखिल याचिका पर CPCB को गौशाला और डेयरी फार्म से निकलने वाले मवेशियों के मलमूत्र से होने वाले वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने का निर्देश दिया है। CPCB ने पीठ को बताया कि नई दिशा-निर्देश को लागू करने के लिए सभी राज्यों को भेज दिया गया है। डेयरी फार्म और गौशाला में अब ढाई मीटर तक ग्रीन बेल्ट छोड़ना होगा और इसमें पेड़ लगाने होंगे।
बाढ़ संभावित इलाकों में डेयरी फार्म खोलने की इजाजत नहीं
CPCB की ओर से जारी-दिशा-निर्देश के तहत अब उन इलाकों में डेयरी फार्म या गौशाला खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती जहां बाढ़ आने की संभावना होती है। उन इलाकों में भी डेयरी फार्म या गौशाला खोलने पर पाबंदी रहेगी जहां पर महज 10 से 12 फीट पर ही भूजल मौजूद है। यह कवायद भूजल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए किया गया है।
21 राज्यों ने नई दिशा-निर्देश को लागू करने पर दी है सहमति
CPCB ने NGT को बताया है कि 21 राज्यों ने अब तक नई-दिशा निर्देश को लागू करने की सहमति दे दी है और इसे लागू करने की कवायद भी शुरू कर दिया है। नये नियम को लागू करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों ने सहमति दी है। जबकि बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।
आंकड़े
- देश के 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 2 लाख 73 हजार, 437 डेयरी
- इनमें 21 लाख 34 हजार पशुएं हैं
- इन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों मे 2793 डेयरी कॉलोनी
- 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 5964 गौशालाएं हैं। इनमें 4 लाख 36 हजार पशुएं हैं।
गोबर
- देशभर में डेयरियों से 2,60, 922 टन और गौशालओं से 1, 49,945 टन गोबर प्रतिदिन निकलता है।
भैंस की तुलना में गाय अधिक
- देश में भैंस की तुलना में गायों की संख्या अधिक है। देशभर में गाय और भैंस की संख्या 13 करोड़ 63 लाख 35 हजार है। इनमें गाय की संख्या-8,13,53,000 है। जबकि भैंस
- सबसे अधिक यूपी में- 2,49,39,000
- राजस्थान-1,38,34,000
- मध्य प्रदेश- 1,26,38,000
- बिहार- 1,08,17,000
- गुजरात- 1,01,65,000
पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य
नये नियम के लागू होने के बाद डेयरी फार्म व गौशाला का स्थानीय निकायों में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। साथ ही स्थानीय निकाय गौशालाओं में नियमों का पालन कर रही है या नहीं इसका न सिर्फ औचक निरीक्षण करेगी बल्कि छह माह आडिट भी करेगी। यह काम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में होगा। गौशाल/डेयरी फार्म को 5 श्रेणी में बांटा गया है। सबसे छोटी श्रेणी में कम से कम 25 गाय/भैस होना जरूरी है।