वायु प्रदूषण कम करने मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, वाहनों में ईंधन के रूप में HCNG का होगा इस्तेमाल

न्यूज़ डेस्क। मोदी सरकार वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। अब सरकार ने हाइड्रोजन कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (HCNG) को देशभर में लागू करने का फैसला किया है। एचसीएनजी से 70 प्रतिशत वायु प्रदूषण कम होगा, इंजन की क्षमता बढ़ेगी, माइलेज अधिक मिलेगा और एक बार टैंक फुल कराने पर अधिक दूरी तय हो सकेगी। HCNG को भविष्य के ईंधन के रूप में देखा जा रहा है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत सुझाव-आपत्ति के लिए 20 जुलाई को मसौदा अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें उल्लेख है कि ग्रीन एनर्जी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) के 24 और 28 के तहत मानकों का पालन करना होगा। सड़क परिवहन मंत्रालय ग्रीन एनर्जी सीएनजी, बॉयो-सीएनजी, HCNG को लेकर पहले ही मानक बना चुका है। विशेषज्ञों ने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार देशभर में HCNG लागू करने की तैयारी कर रही है। दिल्ली में एचसीएनजी से बसों को चलाने का सफल ट्रॉयल हो चुका है।

गत वर्ष विशेषज्ञों की समिति ने CNG में 18 प्रतिशत हाइड्रोजन मिलने का सुझाव दिया था, क्योंकि सिर्फ हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में प्रयोग करना काफी महंगा साबित होता। वहीं इसके लिए कार के इंजन को उच्चस्तरीय बनाने में निर्माता कंपनियों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता। HCNG सामान्य CNG से महज दो या तीन रुपये महंगी होगी, वहीं कार के इंजन में कोई खास बदलाव नहीं करना होगा। खास बात यह है कि HCNG से 70 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण कम होगा। कार के इंजन की क्षमता बढ़ेगी। एक बार HCNG से टैंक फुल कराने पर कार 600 से 800 किलोमीटर जा सकेगी।

जानकारों का कहना है कि ग्रीन एनर्जी की दिशा में अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, दक्षिण कोरिया आदि देश आगे बढ़ रहे हैं। विकसित देशों में हाइड्रोजन को बतौर ईंधन प्रयोग में लाने के लिए ट्रॉयल हो रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी देश ने इसे ईंधन के रूप में अपनाया नहीं है। भारत भी पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता को कम करने के लिए CNG, HCNG, LPG, बॉयो फ्यूल आदि को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के विकल्प पर जोर दे रहा है।

आइए जानते हैं इससे पहले मोदी सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं… 

  • आम बजट 2020 में दिल्ली-एनसीआर सहित देश के बड़े शहरों में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए 4400 करोड़ रुपये आवंटित किया गया।
  • वायु गुणवत्ता में सुधारने के लिए 10 जनवरी, 2019 को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम(NCAP) शुरू किया गया।
  • NCAP का उद्देश्य PM 5 एवं PM 10 की सांद्रता में वर्ष 2024 तक 20 से 30 प्रतिशत तक की कटौती करना है।
  • मोदी सरकार ने वाहनों के लिए बीएस-4 से सीधे बीएस-6 मानक लागू किया।
  • दिल्ली एनसीआर के लिए एक समग्र वायु प्रदूषण उपशमन योजना बनाई गई है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए FAME चरण-II के तहत 10,000 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दी जाएगी।
  • इसका लक्ष्य साल 2030 तक देश में सभी वाहनों को 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बनाना है।
  • इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने हेतु लिए गए ऋण की ब्याज अदायगी में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट दी गई है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों और इसके चार्जर्स पर जीएसटी दर क्रमश: 12% से घटाकर 5% और 18% से घटाकर 5% की गई।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग प्लाजा स्थापित किया जा रहा है।
  • मेट्रो जैसे सिटी ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है।

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