‘मोहब्बत की दुकान’ पर BJP ने लिखी राहुल को लंबी-चौड़ी चिट्ठी, पूछा – ‘मोहब्बत’ तब कहां थी जब वरुण ने आपको और आपकी मम्मी को शादी में बुलाया था

नई दिल्ली। गुरुवार को राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ‘मोहब्बत की दुकान’ हमले के बाद, भाजपा नेता कर्नल राज्यवर्धन राठौर (सेवानिवृत्त), परवेश साहिब सिंह और पूनम महाजन ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर पार्टी और उनकी आलोचना की है। कांग्रेस नेता पर संयुक्त राज्य अमेरिका में देश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए तीनों भाजपा नेताओं ने ‘कांग्रेस की नफरत’ के राजनीतिक उदाहरणों का हवाला दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि आपके लिए ‘मोहब्बत’ का क्या महत्व है, यह आपके व्यक्तिगत संबंधों में देखा जा सकता है। आपके भाई वरुण गांधी ने आपको और आपकी मां सोनिया गांधी को आमंत्रित किया था। क्या आपको याद है कि ‘मोहब्बत के रिश्ता’ निभाते हुए न तो आप और न ही आपकी मां शादी में शामिल हुईं। लेकिन वरुण गांधी ने प्रियंका गांधी की शादी में शिरकत की थी।

पत्र में भाजपा नेताओं ने कहा कि सबसे ज्यादा नफरत की दुकान कांग्रेस के समय में हुई थी, सबसे ज्यादा दंगे आपके समय में हुए थे। जिस तरह से आपके परिवार ने आपकी पार्टी के सदस्यों और परिवार ने अन्य सदस्यों के साथ व्यवहार किया, वह दिखाता हैं कि आप किस ‘मोबहत के दुकान’ की बात करते हैं। पूर्व पीएम राजीव गांधी के 19 नवंबर 1984 के भाषण का जिक्र करते हुए बीजेपी नेताओं ने कहा, ‘जरा सोचिए, आपके पिता की ‘मोहब्बत की दुकान’ में 1984 के दंगों में पीड़ित सिखों के लिए दो शब्द भी खर्च नहीं किए गए और जगदीश टाइटलर अभी भी आपके परिवार के बहुत करीब है।” नेताओं ने कहा कि “राहुल जी, जब आप मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं, तो आपकी दादी द्वारा लगाया गया आपातकाल हमारी आँखों के सामने आपकी ‘मोहब्बत’ को कॉमेडी बना देता है … नेहरू जी ने कवि मजरूह सुल्तानपुरी को बिना किसी कारण के कैद कर लिया …।”

नेताओं ने चिट्ठी में कहा, “गांधी-नेहरू परिवार के बाहरी सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष बने, जैसे आज मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। प्रणब मुखर्जी को बख्श दें जिन्होंने सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ किया। जब प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, तब न तो आप और न ही सोनिया गांधी मौजूद थीं।

चिट्ठी में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का जिक्र है। इसमें कहा गया है, “वरिष्ठ नेताओं का अपमान करना कांग्रेस के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। याद रखें कि आपने गुलाम नबी आजाद के साथ क्या किया। क्योंकि उन्होंने आपकी पार्टी को सिर्फ आईना दिखाने का काम किया था।”

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