विपक्ष का मकसद मोदी को उखाड़ फेंकना, हमारा मकसद देश का विकास करना, संसद में घुसपैठ से भी खतरनाक इनका रवैया, ये लोकसभा में लौटकर नहीं आएँगे: Pm मोदी

नई दिल्ली। संसद भवन में बुधवार (13 दिसंबर, 2023) को 2 लोग लोकसभा के सदन में कार्यवाही के दौरान घुस गए और कनस्तर से रंगीन धुएँ छोड़ने लगे। इस मामले में 6 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कस्टडी में उनसे पूछताछ चल रही है और प्लानिंग की पूरी तह खुल रही है। इस प्रकरण के बाद विपक्षी दलों ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया और अभद्र तरीके से प्रदर्शन करने लगे। इस मामले में अब तक 138 सांसदों को संसद से निलंबित किया जा चुका है।

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विपक्ष के इस व्यवहार पर आपत्ति जताई है। संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में मंगलवार (19 दिसंबर, 2023) को उनकी अध्यक्षता में भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। इसे संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा लगता है कि इन सांसदों ने तय कर लिया है कि उन्हें लोकसभा में वापस नहीं आना है। उन्होंने कहा कि अगर इन सांसदों का ऐसा ही रवैया रहा तो समझिए ये तय है कि इन्हें इस ताकत के साथ भी लोकसभा में वापस नहीं आना है।

प्रह्लाद जोशी ने बताया कि ये साल की अंतिम बैठक थी भाजपा के संसदीय दल की और पीएम ने इस दौरान याद दिलाया कि वो दिल्ली में रहे हैं तो इस बैठक में हमेशा शामिल हुए हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं के लिए सम्मान की बात की। विचारधारा के लिए जीने-मरने की बात की। I.N.D.I. गठबंधन की बैठक पर भी उन्होंने तंस कसा। ‘भारत का भविष्य उज्जवल बनाना’ – इसे उन्होंने भाजपा की सोच बताई। बकौल प्रह्लाद जोशी, पीएम मोदी ने कहा ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ में सहभागिता का अनुभव साझा करते हुए कहा कि लोगों का विश्वास सरकार में बढ़ गया है।

बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हाल के चुनाव में हार चुके कुछ दल ऐसी भाषा बोल रहे हैं जिससे लगता है कि वो इस घटना का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के इस रवैये को इस घटना से भी खतरनाक करार दिया। पीएम मोदी के संबोधन का सार ये था कि विपक्ष ने विपक्ष में रहने का मन बना लिया है और ऐसा लगता है कि संसद में घुसपैठ करने वालों को उनका समर्थन है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 पर कहा कि ऐसा लगता है कि इस मीटिंग हॉल में जो कुर्सियाँ खाली हैं वो भी अगली बार भर जाएँगी।

पीएम मोदी ने कहा, “विपक्ष हताशा और निराशा में आकर ये सब कर रहा है। हमारा उद्देश्य है देश का विकास करना, जबकि विपक्ष चाहता है हमारी सरकार को उखाड़ फेंकना। हमारी और उनकी सोच में यही अंतर है। अब छुट्टियों का समय नज़दीक आ गया है। आपलोग दूर गाँव के इलाकों में जाकर वहाँ का हालचाल लें, विकास का पता लगाएँ। मैं काशी गया था और देखा कि वहाँ के युवाओं में उम्मीदें हैं। नए मतदाताओं ने वो दौर नहीं देखा है जब आए दिन घोटाले होते थे। उन्हें विपक्ष के कारनामों के बारे में जागरूक करने की ज़रूरत है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों की भी बात की। वो अक्सर सीमा पर स्थित गाँवों में ‘आखिरी’ की जगह ‘पहला’ कह कर संबोधित करते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया ि सीमावर्ती क्षेत्रों में अभी उत्सव चल रहा है। इसके लिए गुजरात के कच्छ में स्थित एक गाँव को पर्यटन के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ गाँव का सम्मान मिला है। ‘रण उत्सव’ में भाग लेने की उन्होंने अपील की। साथ ही उन्होंने ‘काशी तमिल संगमम’ का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि कुछ रचनात्मक और अच्छे काम किए जाएँ, लेकिन कुछ लोग इससे अलग ही सोचते हैं। ‘हिंदुस्तान’ ने बैठक में मौजूद एक नेता के हवाले से बताया है कि पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान के हिसाब से विपक्षी दलों को मुद्दे उठाने का अधिकार है, लेकिन हंगामा नहीं करना चाहिए। उन्होंने संविधान और संसदीय व्यवस्था के अपमान को विपक्ष का एजेंडा बताते हुए इस पर दुःख जताया।

इस दौरान वो अपनी पार्टी के सांसदों को भी नसीहत देने से नहीं चूके और उनसे कहा कि विरोध के जवाब में वो भी मर्यादा में ही रहें। संविधान का सम्मान और संसदीय नियमों के पालन की सलाह देते हुए उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि वो जनादेश का सम्मान करें। संसदीय मामलों और कोयला एवं खदान विभाग के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, पीएम मोदी ने बैठक में संसद में हुई घुसपैठ का भी जिक्र करते हुए कहा कि हर वो शख्स इसकी निंदा करेगा जो लोकतंत्र में भरोसा रखता हो।

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