नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में गरीबों तक मुफ़्त राशन पहुंचाने की योजना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत जुलाई में मुफ्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप राशन दुकानों के जरिए मुफ्त खाद्यान्न पिछले महीने 81 करोड़ लाभार्थियों में से केवल 62 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया, जिससे गरीब मुफ़्त राशन से वंचित रह गए।
कुछ राज्य अभी भी गरीबों को मुफ्त अनाज देने के काम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पंजाब और पश्चिम बंगाल सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जुलाई में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्ना योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त खाद्यान्न का वितरण नहीं किया है। यह स्थिति तब है जब बिहार और असम जैसे कई बड़े राज्य भारी बाढ़ का सामना कर रहे हैं। लोगों को अपना पेट भरने के लिए हर तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब और पश्चिम बंगाल सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जुलाई में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्ना योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त अनाज वितरित नहीं किया। परिणामस्वरूप, राशन की दुकानों के माध्यम से मुफ्त खाद्यान्न पिछले महीने 81 करोड़ लाभार्थियों के केवल 62 प्रतिशत तक पहुंच गया।
उन्होंने राज्यों से खाद्यान्न वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया। खाद्य मंत्री ने कहा कि जुलाई के महीने में कम अनाज वितरण का कारण यह भी है कि कुछ राज्य दो महीने, तीन महीने या छह महीने में एक बार अनाज वितरण का कार्यक्रम चला रहे हैं। खाद्य मंत्री ने बताया कि PMGKAY के तहत अप्रैल से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चयनित लाभार्थियों को मुफ्त अनाज वितरित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को कोविद -19 महामारी से होने वाली कठिनाइयों से राहत दिलाना है। इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल) और एक किलो चना दिया जा रहा है।
@iramvilaspaswan
प्रिय सर सनिवेदन है कि हमारे यहां PMGKAY का राशन डीलर द्धारा धड़ल्ले से गबन किया जा रहा है। आज दिनांक 07/08/2020 को उठाया गया जबकि POS MACHINE से राशन पहले ही निकाल लिया गया है और गरीबों को मुफ्त में मिलने वाला अनाज नहीं दिया जा रहा है। pic.twitter.com/DCPPHlcbnP— Mahesh Kumar Yadav (@MaheshK70968367) August 7, 2020
यह योजना शुरू में तीन महीने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में नवंबर तक बढ़ा दी गई थी, जिसके बाद पहले तीन महीनों में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने लगभग 95 प्रतिशत लाभार्थियों को PMGKAY के तहत खाद्यान्न वितरित किया। लेकिन जुलाई में, वितरण केवल 62 प्रतिशत था। खाद्य मंत्री ने कहा कि महीने के दौरान, लगभग नौ राज्यों ने 90 प्रतिशत का वितरण किया, जबकि पांच राज्यों ने 80 प्रतिशत खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया। पिछले महीने, कुल 81 करोड़ लाभार्थियों में से 49.87 करोड़ वितरित किए गए थे। उन्हें लगभग 24.94 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया गया। जिन राज्यों ने जुलाई महीने के लिए खाद्यान्न का वितरण नहीं किया, वे 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं जिनमें उत्तराखंड, पुडुचेरी, नागालैंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।
दिल्ली सरकार ने यह घोषणा की है कि वह नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन देगी। यह दिल्ली सरकार की योजना नहीं है। यह भारत सरकार की योजना PMGKAY के तहत अप्रैल से लेकर नवंबर तक NFSA लाभुकों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। 1/4
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) July 30, 2020
उन्होंने बताया कि कई राज्य दो महीने, तीन महीने या छह महीने में केवल एक बार अनाज वितरित कर रहे हैं। अधिकांश प्रसव चालू माह में होने चाहिए। खाद्यान्न का वितरण चल रहा है। अगस्त में, PMGKY के तहत, राज्य ने राशन की दुकानों के माध्यम से 1.45 करोड़ लाभार्थियों को 72,711 टन अनाज वितरित किया। पासवान ने कहा कि असम और बिहार में वितरण कार्य प्रभावित हुआ है। इन राज्यों में, केवल 21 प्रतिशत और 52 प्रतिशत लाभार्थियों को क्रमशः जुलाई में PMGKAY के तहत लाभार्थियों को वितरित किया जा सकता है। पासवान ने कहा कि मार्च 2021 तक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ सेवा ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ से जुड़ जाएंगे। अब तक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इससे जोड़ा जा चुका है।
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने PMGKAY के तहत प्रत्येक लाभार्थी को, NFSA के तहत मिल रहे ₹2 किलो गेहूं और ₹3 किलो चावल के अलावा अप्रैल से नवंबर तक प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन मुफ्त देने की घोषणा की और ये योजना चल रही है। 2/4
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) July 30, 2020
दिल्ली में घरों में खाद्यान्न की डिलीवरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पासवान ने कहा कि यह सुविधा उन लाभार्थियों के लिए बेहतर है जो राष्ट्रीय राजधानी में रहते हैं। उन्होंने कहा, “लेकिन उन लोगों का क्या होगा जो बाहर से आते हैं और राशन लेना चाहते हैं। मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री (अरविंद केजरीवाल) से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह करता हूं।”
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (#PMGKAY) चरण-1: अप्रैल 2020 से जून 2020
राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने एनएफएसए लाभार्थियों के बीच अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए आवंटित खाद्यान्न का 93.5 प्रतिशत वितरित किया: @FCI_India: https://t.co/6C5JUe88VU
— सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_Hindi) August 5, 2020