नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक वाउचर-आधारित डिजिटल पेमेंट सिस्टम e-RUPI लॉन्च किया। पीएम मोदी ने आज वर्चुअल तरीके से डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन को लॉन्च किया। यह डिजिटल पेमेंट के लिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस जरिया है। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज देश डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। e-RUPI वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन और डीबीटी को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इससे टारगेटेड, ट्रांसपेरेंट, लीकेज फ्री डिलीवरी में सभी को बड़ी मदद मिलेगी। 21 वीं सदी का भारत आज कैसे आधुनिक तकनीकी की मदद से आगे बढ़ रहा है और तकनीकी को लोगों के जीवन से जोड़ रहा है e-RUPI उसका भी एक प्रतीक है। अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो वह कैश के बजाय e-RUPI दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है।
पीएम मोदी ने बताया कि अभी शुरुआती चरण में ये योजना देश के हेल्थ सेक्टर से जुड़े बेनिफिट पर लागू की जा रही है। समय के साथ इसमें और भी चीजें जुड़ती चली जाएंगी। जैसे कोई किसी के इलाज पर खर्च करना चाहता है, कोई टीबी के मरीजों को सही दवाओं और भोजन के लिए आर्थिक मदद देना चाहता है या फिर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भोजन या पर्यावरण से जुड़ी दूसरी सुविधाएं पहुंचाना चाहता है तो e-RUPI उनके लिए बहुत मददगार साबित होगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले हमारे देश में कुछ लोग चाहते थे और वे कहते भी थे कि टेक्नोलॉजी तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम। जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता और कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट सवाल खड़ा करते थे। ई-रुपी इस बात का उदाहरण है कि कैसे भारत 21वीं सदी में उन्नत तकनीक की मदद से आगे बढ़ रहा है और लोगों को जोड़ रहा है। मुझे खुशी है कि इसकी शुरुआत उस साल हुई जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
दरअसल, ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे यूजर के मोबाइल पर पहुंचाया जाएगा। इस भुगतान व्यवस्था के उपयोगकर्ता कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।