न्यूज़ डेस्क (Bns)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के आखिरी दिन सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पांच साल की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पिछले पांच साल के दौरान देश किस तरह से रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के दौर से गुजरा है। पीएम मोदी ने कहाकि सबसे अच्छी बात है कि इन चीजों को देश में महसूस भी किया जा सकता है। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने संसद के सदस्यों का स्वागत किया और सदन चलाने के लिए स्पीकर ओम बिरला की तारीफ की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि रिफॉर्म और परफॉर्म एक साथ देखने को मिले। इसके साथ ही हम अपनी आंखों के सामने ट्रांसफॉर्मेशन होते हुए देख रहे हैं। उन्होंने कहाकि यह सब 17वीं लोकसभा की देन है। पीएम मोदी ने कहाकि प्रजातंत्र की परंपरा में यह बेहद खास दिन है। उन्होंने कहाकि बीते पांच साल में सभी ने अपनी-अपनी क्षमता के मुताबिक देश के विकास में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि पांच साल की वैचारिक यात्रा और देश सेवा में समर्पण के बद फिर से डेडिकेट करने का दिन है।
आज का ये दिवस हम सबकी उन 5 वर्ष की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है।
ये पांच वर्ष…देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे हैं।
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— MyGov Hindi (@MyGovHindi) February 10, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 17वीं लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 97 फीसदी रही। मुझे विश्वास है कि हम 18वीं लोकसभा में शत प्रतिशत की उत्पादकता रहने का संकल्प लेंगे। मोदी का कहना था कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान देश के हर राज्य ने भारत के सामर्थ्य और अपने प्रदेश की खूबी विश्व के सामने रखी जिसका असर आज भी है तथा ‘पी-20’ के माध्यम से भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया। उन्होंने संसद के नए भवन का निर्माण करवाने का निर्णय लेने का श्रेय लोकसभा अध्यक्ष बिरला को देते हुए कहा कि उसी का परिणाम है कि देश को संसद का नया भवन प्राप्त हुआ।
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प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि आप सदैव मुस्कुराते रहते थे। आपके मुस्कान में कभी कमी नहीं आई। आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं। आक्रोश, आरोप-प्रत्यारोप के पल आए लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को संभालते हुए सदन को चलाया और हम सबका मार्गदर्शन किया। मैं इसके लिए आपका आभारी हूं।