न्यूज़ डेस्क(Bns)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मॉनसून सत्र को बाधित कर रहे विपक्षी दलों पर जम कर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि इन्हें न तो सहकार में रुचि है और न ही सहकारिता में, इन्हें न दलितों में इंटरेस्ट है और न ही महिलाओं के कल्याण में। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इनके द्वारा नारे लगाना स्वभाविक है, लेकिन उन्होंने दोनों ही सदन के नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखा है कि सरकार चर्चा के लिए एकदम तैयार है, जनता देख रही है, आप चर्चा होने दीजिए।
बता दें कि अमित शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, दोनों को पत्र लिख कर मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए सहयोग माँगा है। अधीर रंजन चौधरी को लिखे पत्र में उन्होंने लोकसभा का लोकतंत्र की जननी भारत के लोकतांत्रिक ढाँचे में विशेष स्थान बताते हुए कहा कि ये सदन भारत की 140 करोड़ जनता की आशाओं, आकांक्षाओं, समस्याओं और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
Today, I wrote to the opposition leaders of both houses, Shri @adhirrcinc Ji of Lok Sabha, and Shri @kharge Ji of Rajya Sabha, appealing to them for their invaluable cooperation in the discussion of the Manipur issue.
The government is ready to discuss the issue of Manipur and… pic.twitter.com/IpGGtYSNwT
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) July 25, 2023
अमित शाह ने लिखा कि लोकसभा हमारे भारत के जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है, जहाँ लोगों की आवाज उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से अभिव्यक्त होती है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की विविधता के साथ यह सदन राष्ट्रीय महत्व की मामलों में रचनात्मक बहस में शामिल होने के लिए आदर्श मंच प्रदान करता है। अमित शाह ने मणिपुर को भारत का बहुत महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य बताते हुए लिखा कि इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत संपूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है।
अमित शाह ने पत्र के माध्यम से बताया कि पिछले 6 वर्षों से मणिपुर भाजपा के शासनकाल में शांति और विकास का अनुभव कर रहा था, लेकिन कुछ अदालती निर्णयों और कुछ घटनाओं के कारण मई महीने में हिंसा की घटनाएँ घटीं। अमित शाह ने कहा कि जनता को ये अपेक्षा है कि देश दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर मणिपुर के लोगों के साथ खड़ी हो। उन्होंने कहा कि संसद में हम सभी को जनता को विश्वास दिलाना चाहिए कि हम सब मणिपुर के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार न सिर्फ बयान, बल्कि इस मुद्दे पर पूरी चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने अच्छे वातावरण में चर्चा के लिए आगे आने की अपील करते हुए कहा कि मजबूत भारत के निर्माण की साझा प्रतिबद्धता में उन्हें विपक्षी दलों से सहयोग की उम्मीद है। वहीं खड़गे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि चुनौतियों के न्यायसंगत समाधान खोजने के लिए हमें पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर सद्भाव से काम करना चाहिए। उन्होंने लिखा कि हमें मणिपुर की जनता को विश्वास दिलाना चाहिए कि हम सब वहाँ शांति स्थापना के लिए संकल्पबद्ध हैं।
सरकार मणिपुर पर विस्तार से चर्चा के लिये तैयार है लेकिन विपक्ष न जवाब सुनना चाहता है और न किसी प्रकार की चर्चा करना चाहता है। pic.twitter.com/ukmcruMHcA
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) July 25, 2023