न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कर्नाटक की मैसूर यूनिवर्सिटी के 100वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय से डिग्री पाने वाला विद्यार्थियों से PM मोदी ने कहा, “आज जब इस महान कैंपस से बाहर निकल रहे हैं, तो मेरा आप से एक आग्रह है। आप में हर एक के पास जो अपनी ताकत है, अपना सामर्थ्य है, उसके आधार पर excellence achieve करने की हमेशा कोशिश करें। आपको एक सीमित दायरे में फिट होने की कोई जरूरत नहीं है। अपने लिए समय निकालिए, introspection कीजिए और हर जमीन से जुड़ी हर उस चीज का अनुभव लीजिए जो लाइफ आपके सामने रख रही है। इससे आपको अपना आगे का मार्ग चुनने में बहुत मदद मिलेगी। न्यू इंडिया अवसरों की धरती है। कोरोना के इस संकट काल में भी आपने देखा होगा कि कितने ही नए स्टार्ट-अप्स हमारे विद्यार्थियों ने खोले हैं। ये स्टार्ट-अप्स कर्नाटका ही नहीं, देश की भी बहुत बड़ी ताकत हैं। मुझे विश्वास है, असीम अवसरों की इस धरती पर आप अपने सामर्थ्य से, अपनी प्रतिभा से, देश के लिए बहुत कुछ करेंगे। आपका विकास, सिर्फ आपका विकास नहीं होगा, देश का विकास होगा। आप आत्मनिर्भर बनेंगे, तो देश भी आत्मनिर्भर बनेगा।“
Addressing the Centenary Convocation of the University of Mysore. https://t.co/xDblOs4u6E
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा, युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं। ये हजारों वर्षों से हमारे यहां एक परंपरा रही है। जब हम दीक्षा की बात करते हैं, तो ये सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का ही अवसर नहीं है। आज का ये दिन जीवन के अगले पड़ाव के लिए नए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है। मैसूर विश्वविद्यालय के इस रत्न गर्भा प्रांगण ने ऐसे अनेक साथियों को ऐसे ही कार्यक्रम में दीक्षा लेते हुए देखा है, जिनका राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है। भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी जैसे अनेक महान व्यक्तियों ने इस शिक्षा संस्थान में अनेकों विद्यार्थियों को प्रेरणा दी।
मैसूर यूनिवर्सिटी, प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के भारत की Aspirations और Capabilities का प्रमुख केंद्र है।
इस यूनिवर्सिटी ने “राजर्षि” नालवाडी कृष्णराज वडेयार और एम. विश्वेश्वरैया जी के विजन और संकल्पों को साकार किया है: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 19, 2020
हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा, युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं।
ये हज़ारों वर्षों से हमारे यहां एक परंपरा रही है।जब हम दीक्षा की बात करते हैं, तो ये सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का ही अवसर नहीं है।
आज का ये दिन जीवन के अगले पड़ाव के लिए नए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है: PM
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PM मोदी ने युवाओं से कहा, अब आप एक फॉर्मल विश्वविद्यालय कैंपस से निकलकर, रियल लाइफ यूनिवर्सिटी के विराट कैंपस में जा रहे हैं। ये एक ऐसा कैंपस होगा जहां डिग्री के साथ ही, आपकी योग्यता और काम आएगी, जो ज्ञान आपने हासिल किया है उसकी प्रयोज्यता काम आएगी। श्री मोदी ने बीते वर्षो में शिक्षा के क्षेत्र में हुआ क्रांतिकारी बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 IITs थीं। बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटक के धारवाड़ में भी खुली है। 2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते पांच से छह साल में सात नए IIM स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 IIM ही थे। इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फ सात एम्स सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं।
अब आप एक फॉर्मल यूनिवर्सिटी कैंपस से निकलकर, रियल लाइफ यूनिवर्सिटी के विराट कैंपस में जा रहे हैं।
ये एक ऐसा कैंपस होगा जहां डिग्री के साथ ही, आपकी ability और काम आएगी, जो Knowledge आपने हासिल की है उसकी Applicability काम आएगी: PM
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आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 IITs थीं।
बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटका के धारवाड़ में भी खुली है।
2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं: PM
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 5-6 सालों से उच्च शिक्षा में हो रहे प्रयास सिर्फ नए इंस्टीट्यूशन खोलने तक ही सीमित नहीं है। इन संस्थाओं में गवर्नेंस में सुधार से लेकर जेंडर और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया गया है। ऐसे संस्थानों को ज्यादा स्वयं शासन भी दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, मेडिकल एजुकेशन में भी ट्रांसपेरेंसी की बहुत कमी थी। इसे दूर करने पर भी जोर दिया गया। आज देश में मेडिकल एजुकेशन में पारदर्शिता लाने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन बनाया जा चुका है। अगर एनईपी देश के एजुकेशन सेक्टर का भविष्य सुनिश्चित कर रही है, तो ये आप जैसे युवा साथियों को भी सशक्त कर रही है। अगर खेती से जुड़े सुधार किसानों को सशक्त कर रहे हैं, तो लेबर से जुड़े सुधार लेबर और इंडस्ट्री दोनों को बढ़त और सुरक्षा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आज शिक्षा के हर स्तर पर देश में बेटियों का ग्रास एनरोलमेंट रेसियो बेटों से ज्यादा है। उच्च शिक्षा में भी इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से जुड़ी पढ़ाई में भी बेटियों की भागीदारी बढ़ी है। 4 साल पहले IIT में बेटियों का एनरोलमेंट सिर्फ 8 फीसदी था, जो इस वर्ष बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच चुका है। PM मोदी ने कहा कि आपने बीते 6-7 महीने में देखा होगा कि रिफॉर्म्स की गति और दायरा दोनों बढ़ रहा है। खेती, स्पेस, डिफेंस, एविएशन हो या लैबर, ऐसे हर सेक्टर में ग्रोथ के लिए जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं।
बीते 5-6 साल में 7 नए IIM स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 IIM ही थे।
इसी तरह करीब 6 दशक तक देश में सिर्फ 7 एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे।
साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं: PM
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बीते 5-6 सालों से Higher Education में हो रहे प्रयास सिर्फ नए Institution खोलने तक ही सीमित नहीं है।
इन संस्थाओं में Governance में Reforms से लेकर Gender और Social Participation सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया गया है।
ऐसे संस्थानों को ज्यादा Autonomy भी दी जा रही है: PM
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