नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को लोन मॉरेटोरियम पॉलिसी में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह सरकार को पॉलिसी पर कोई भी निर्देश नहीं दे सकती और लोन मॉरेटोरियम की अवधि छह महीने से अधिक बढ़ाए जानें से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार, RBI द्वारा 31 अगस्त 2020 से आगे ऋण किस्त स्थगन अवधि का विस्तार नहीं करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि यह नीतिगत निर्णय है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह केन्द्र के राजकोषीय नीतिगत निर्णयों की न्यायिक समीक्षा तब तक नहीं कर सकता, जब तक कि यह गलत या मनमाने ढंग से ना बनाई गई हो।
केंद्र को लोन मॉरेटोरियम की सीमा को 31 अगस्त 2020 से आगे बढ़ाने का आदेश कोर्ट नहीं दे सकता है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि मॉरेटोरियम की अवधि में अगर कंपाउंड इंटरेस्ट लिया गया है तो उसको अगली किस्तों में एडजस्ट किया जाए।#SupremeCourt @airnewsalerts @PIBHindi
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) March 23, 2021
लोन मोरेटोरियम केस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को आर्थिक फैसले लेने का अधिकार है क्योंकि महामारी के चलते सरकार को भी आर्थिक नुकसान हुआ है। कोर्ट ने कहा कि 31 अगस्त के बाद मोरेटोरियम की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती।