नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हाल की में संसद का विशेष सत्र बुलाया, जिसके दूसरे दिन 19 सितंबर को संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग (New Parliament Building) में शिफ्ट की गई। इस दौरान पक्ष-विपक्ष सभी ने नई पार्लियामेंट बिल्डिंग की जरूरत पर जोर दिया था। यहां तक कि कांग्रेस का कहना था कि यूपीए सरकार (UPA Govt) के दौरान लोकसभा अध्यक्ष रहीं मीराकुमार ने ही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग बनाने की बात उठाई थी। अब आज इतने दिन बाद कांग्रेस नई पार्लियामेंट बिल्डिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर हमलावर है। कांग्रेस का कहना है कि इस बिल्डिंग के आर्किटेक्चर ने लोकतंत्र (Democracy) और आपसी बातचीत की परंपरा की हत्या की है। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ BJP ने इसे 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का अपमान बताया है।
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने आरोप लगाया कि नया संसद भवन प्रधानमंत्री के उद्देश्यों को साकार करता है और इसे ‘मोदी मल्टीप्लेक्स’ या ‘मोदी मैरियट’ कहा जाना चाहिए। जयराम रमेश ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘शायद 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद इस नए संसद भवन का बेहतर उपयोग हो पाएगा। ’
#WATCH | On the new Parliament building Congress MP Pramod Tiwari says, "In a country like India, to fully air-condition the Parliament house is unscientific and impractical. There was a lobby, a central hall in the old Parliament…There is an air circulation defect in the new… pic.twitter.com/P8Qc6YZTky
— ANI (@ANI) September 23, 2023
उन्होंने कहा, नई पार्लियामेंट बिल्डिंग को बड़े ही प्रचार के साथ लॉन्च किया गया, जो पीएम के उद्देश्यों को साकार करता है। इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मेरियट कहा जाना चाहिए। इस बिल्डिंग में एंट्री करने के चार दिन बाद मैंने जो देखा वह दोनों सदनों के अंदर और लॉबी में आपसी बातचीत का अंत हो चुका है। अगर आर्किटेक्चर यानी वास्तुकला से लोकतंत्र की हत्या हो सती है तो पीर्धानमंत्री संविधान में संशोधन किए बना ऐसा करने में सफल हो चुके हैं।
नड्डा ने दिया करारा जवाब
इस तरह के बयान पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयराम रमेश को जवाब दिया। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी के निम्नतम मानकों के हिसाब से ही उनका यह बयान उनकी बहुत ही खराब मानसिकता का परिचय दे रहा है। यह कुछ और नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का अपमान है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस संसद के खिलाफ बोल रही है। उन्होंने 1975 में ही ऐसी ही कोशिश की थी, लेकिन बुरी तरह से फेल हुए थे।
‘नई बिल्डिंग में दम घुटता है’
एक अन्य कांग्रेस सांसद प्रमोद मिश्रा ने तो नई पार्लियामेंट बिल्डिंग के आर्किटेक्चर पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा, भारत जैसे देश में संसद भवन को पूरी तरह से एयरकंडीशन बनाना अवैज्ञानिक और अव्यवहारिक है। पुराने संसद भवन में एक लॉबी और सेंट्रल हॉल था। यहां नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में एयर सर्कुलेशन की कमी है। उन्होंने कहा, मैं 13 घंटे तक इस नई बिल्डिंग में था और वहां दम घुट रहा था।
’50 सासंद बीमार पड़े’
कांग्रेस सांसद ने कहा, नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में लगी टेबल और कुर्सी के बीच बहुत बड़ा अंतर है। यहां सांसदों के लिए बैक सपोर्ट नहीं है और यह बिल्कुल भी आरामदायक नहीं है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका से कुछ ज्यादा ही प्रभावित हैं। इसलिए उन्होंने नए संसद भवन को 7 स्टार होटल की तरह बनाया है। पुराने संसद भवन में जो खुलापन था वह ज्यादा वैज्ञानिक था। ज्यादा व्यवहारिक था और स्वास्थ्य के लिए अच्छा था। इस बिल्डिंग को बनाने में जल्दबाजी की गई है और मैं कम से कम 50 सांसदों को जानता हूं, जो यहां एयर कंडीशनिंग के कारण बीमार हो गए हैं।