कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर हमले को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किए जाने पर राज्य सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वे दोनों दिल्ली नहीं जाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ से रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण देने के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल में नड्डा के काफिले पर तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार की सुबह उस समय हमला किया था जब वह भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने दक्षिण 24 परगना जिला स्थित डायमंड हार्बर जा रहे थे। भाजपा के सूत्रों के अनुसार हमले में वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय सहित पार्टी के कई नेता घायल हो गए। केंद्र का ममता सरकार को पत्र भेजना असंवैधानिक, नड्डा के साथ अपराधी और भाजपा के हथियारबंद लोग थे: TMC सांसद
अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दोनों शीर्ष अधिकारियों-मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण देने को कहा जा सकता है तथा राजनीतिक हिंसा और अन्य अपराधों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा जा सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को अभी पश्चिम बंगाल में नड्डा के दौरे के दौरान ”गंभीर सुरक्षा खामियों” पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार से रिपोर्ट नहीं मिली है। अधिकारियों ने कहा कि बनर्जी के भतीजे अभिषेक के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र डायमंड हार्बर में हिंसा के बाद राज्यपाल की रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति तथा राजनीतिक हिंसा और अन्य अपराधों पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में विस्तृत विवरण दिया गया है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर कोलकाता में राज्य सरकार की निंदा की और कहा कि मुख्यमंत्री को भाजपा को बाहरी लोगों की पार्टी बताने की बार-बार की जा रही अपनी टिप्पणियों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान राष्ट्रीय ताने-बाने को कमजोर करेंगे। धनखड़ ने कहा कि यह शर्मनाक है कि नड्डा पर हमले की घटना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के दिन हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि कानून का उल्लंघन करने वालों को पुलिस और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है तथा विपक्ष के किसी भी विरोध को दबाया जा रहा है। धनखड़ ने कहा, ”राज्यपाल डाकघर नहीं है… वह राजभवन में ही सीमित नहीं रह सकता जब मानवाधिकारों का उल्लंघन हो।” उन्होंने कहा, ”राज्यपाल अपनी शपथ का अनुपालन करेगा चाहे कुछ भी हो।”