नई दिल्ली। देश में अब बेटियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने की तैयारी में मोदी सरकार है। सूत्रों व मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए केंद्र सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी। बता दें कि साल 2020 के 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने इस मुद्दे का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी उचित समय पर हो।
वर्तमान समय में जो कानून है उसके मुताबिक देश में पुरुषों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 साल है। अब सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में भी संशोधन करेगी। नीतिय आयोग में जय जेटली की नेतृत्व में बने टास्क फोर्स ने इसकी सिफारिश की थी। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, महिला तथा बाल विकास, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा तथा साक्षरता मिशन और न्याय तथा कानून मंत्रालय के विधेयक विभाग के सचिव टास्क फोर्स के सदस्य थे।
टास्क फोर्ट का गठन पिछले साल जून में किया गया था और पिछले साल दिसंबर में ही इसने अपनी रिपोर्ट दी थी। टास्क फोर्स का कहना था कि पहले बच्चे को जन्म देते समय बेटियों की उम्र 21 साल होनी चाहिए। विवाह में देरी का परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रस्ताव पर सिफारिशें दिसंबर में प्रस्तुत की गईं क्योंकि टास्क फोर्स ने जोर देकर कहा कि पहली गर्भावस्था के समय एक महिला की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।