नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को कहा कि 12वीं बोर्ड की लंबित परीक्षाओं एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक काफी सार्थक रही और राज्य सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया गया है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण 12वीं बोर्ड की परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैकक में निशंक के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने भी हिस्सा लिया। बैठक के बाद निशंक ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री की संकल्पना के अनुरूप यह बैठक काफी सार्थक रही और हमें काफी मूल्यवान सुझाव प्राप्त हुए। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने राज्य सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया है।’’
केंद्रीय शिक्षा ने कहा,‘‘ मुझे विश्वास है कि हम 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के संबंध में जानकार एवं सामूहिक निर्णय तक पहुंचेंगे और जल्द से जल्द हमारे अंतिम फैसले की जानकारी देकर छात्रों एवं अभिभावकों के मन की अनिश्चितता को समाप्त कर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा कि हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि छात्रों एवं शिक्षकों की सुरक्षा और उनका भविष्य हमारे लिये सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिये राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं अधिकारियों को धन्यवाद दिया। वहीं, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार सीबीएसई द्वारा 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा कराने के लिए विकल्पों की तलाश किए जाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का टीकाकरण कराए बिना 12वीं की बोर्ड परीक्षा कराना बड़ी भूल साबित होगी। सिसोदिया ने लंबित 12वीं की बोर्ड परीक्षा और अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर फैसला लेने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में यह बात कही। एक दिन पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा था कि उच्च शिक्षा विभाग भी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये परीक्षा की तिथियों को अंतिम रूप देने के लिये विचार विमर्श कर रहा है।
I thank all the Hon'ble Chief Ministers, Education Ministers, and officers associated with the world's largest education system for participating in the high-level meeting chaired by Hon'ble Minister of Defence Shri @rajnathsingh Ji. pic.twitter.com/i4e8p5lH90
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank ( Modi Ka Parivar) (@DrRPNishank) May 23, 2021
कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षा क्षेत्र पर काफी प्रभाव पड़ा है खास तौर पर परीक्षा और प्रवेश परीक्षाओं पर इसका असर पड़ा है। पत्र में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए, लगभग सभी राज्य शिक्षा बोर्डों और आईसीएसई ने अपनी बारहवीं कक्षा की परीक्षा, 2021 को स्थगित कर दिया है। इसी तरह, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। निशंक ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा कि बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन से पूरे देश में राज्य बोर्ड परीक्षाओं और अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में छात्रों के बीच उत्पन्न अनिश्चितता को कम करने के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों के सुझावों के आधार पर देश भर के सभी छात्रों के हित में बारहवीं कक्षा की सीबीएसई परीक्षा के बारे में विचार किया जाए। गौरतलब है कि 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित और 10वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं।