न्यूज़ डेस्क। जम्मू-कश्मीर राज्य से 370 हटने के बाद संघ शासित राज्य बने जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में नागरिकता सम्बंधित प्रावधानों में बदलाव के तहत लम्बे समय से कार्यरत IAS अधिकारी नवीन चौधरी प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के कैडर से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले स्थाई निवासी बन गए हैं। IAS नवीन चौधरी मूल रूप से दरभंगा, बिहार के रहने वाले हैं।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 31, 2019 से जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में गठित किया गया है- जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख। पिछले माह ही केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए प्रक्रिया की अधिसूचना जारी की थी। जम्मू कश्मीर की नागरिकता हासिल करने के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र जारी करने की ये प्रक्रिया नये नियमों पर आधारित है।
दरअसल, केंद्र शासित प्रदेश में किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट का होना पहली शर्त है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत अधिकार और जम्मू-कश्मीर नागरिक सेवा अधिनियम, 2010 के नियमों के अंतर्गत ये डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल प्रमाणपत्र के आवेदन के लिए प्रारूप भी जारी कर दिया गया है। डोमिसाइल प्रमाणपत्र के लिए जो भी व्यक्ति तय शर्तें पूरी करेगा, उसे सक्षम प्राधिकारी प्रमाणपत्र देंगे।
— भारत न्यूज़ सर्विस #मीडिया और समाचार कंपनी (@LinkBharatnews) June 26, 2020
केंद्र सरकार के अधिकारियों के बच्चे, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, सार्वजनिक उपक्रमों व केंद्र सरकार के स्वायत्त संस्थाओं के अधिकारियों, सार्वजनिक उपक्रमों के बैंक, केंद्रीय विश्वविद्यालयों व पंजीकृत शोध संस्थाओं के अधिकारी, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में 10 साल तक नौकरी की हो, उन्हें और उनके बच्चों को भी डोमिसाइल प्रमाणपत्र का पात्र माना जाएगा।
जम्मू कश्मीर राज्य के विघटन से पहले जहाँ ये प्रावधान था कि जम्मू कश्मीर की बेटियाँ अगर राज्य से बाहरी व्यक्तियों से शादी करती थीं, तो उनकी नागरिकता छिन जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अब उनकी और उनके बच्चों को भी राज्य का स्थाई निवासी होने का प्रमाणपत्र मिलेगा।
PDP और नेशनल कांफ्रेंस ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते डोमिसाइल सर्टिफिकेट कानून को राज्य के लोगों के साथ धोखा बताया था, जबकि बीजेपी ने इसका स्वागत करते इसे लोगों के हित में लिया गया फैसला बताया है।