नई दिल्ली। गुजरात में मोदी मैजिक चल गया है और पिछली बार की 99 सीटों के मुकाबले इस बार भाजपा को 50 से ज्यादा सीटों का फायदा होता दिख रहा है। इस बीच भाजपा के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में तो ढोल नगाड़े बज ही रहे हैं साथ ही गुजरात में भाजपा मुख्यालय पर भी जश्न शुरू हो गया है। कार्यकर्ता नाचते गाते और मिठाइयां बांटते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा भी भाजपा की विभिन्न प्रदेश इकाइयों के कार्यालयों पर जश्न का माहौल देखा जा रहा है। इस बीच, खबर है कि भाजपा की इस शानदार जीत का जश्न मना रहे कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए शाम छह बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के मुख्यालय पर पहुँचेंगे जहां भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। भाजपा के लिए यह जीत इसलिए भी बड़ी है क्योंकि उसने इस साल के शुरू में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा और मणिपुर की सत्ता में वापसी की थी और साल 2022 के समापन पर वह गुजरात और हिमाचल प्रदेश की सत्ता में भी वापसी कर रही है।
गुजरात भगवामय रहेगा यह तो पहले से ही तय माना जा रहा था लेकिन इतनी प्रचंड विजय का अनुमान भाजपा ने भी नहीं लगाया होगा। भाजपा की आंधी इस तरह चली है कि पार्टी की सूची में शामिल अधिकांश उम्मदीवार चुनाव जीतते नजर आ रहे हैं। केंद्र की तरह गुजरात में भी विपक्ष का दर्जा हासिल करने लायक कोई पार्टी नजर नहीं आ रही है। यही नहीं, वोट प्रतिशत की बात हो, सबसे लंबे समय तक शासन करने की बात हो…भाजपा ने सभी रिकॉर्ड तोड़ कर मोदी है तो मुमकिन है का नारा सार्थक कर दिया है। भाजपा ने जिस तरह एक साल पहले पूरी सरकार में बदलाव किया था वह रणनीति भी सफल होती दिख रही है।
जहां तक प्रचार की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव घोषित होने के बाद गुजरात में 31 जनसभाएं और कई रोड शो किये थे। इनमें 50 किलोमीटर का अब तक का सबसे लंबा रोड शो भी शामिल था। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न प्रदेशों के सांसदों और विधायकों ने भी जमकर प्रचार किया था।
देखा जाये तो भाजपा ने राज्य में 27 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी भावनाओं से जूझते हुए यह चुनाव लड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पार्टी के लिए ‘तुरुप का इक्का’ थे और सत्तारुढ़ दल ने सत्ता विरोधी लहर के मुकाबले के लिये ‘ब्रांड मोदी’ पर भरोसा किया। चुनावों में प्रमुख मुद्दों में बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, राज्य के कुछ हिस्सों में पानी नहीं पहुंचना, बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और किसानों को अत्यधिक बारिश के कारण फसल क्षति का उचित मुआवजा नहीं मिलना था। हम आपको यह भी बता दें कि इस बार मतदान प्रतिशत 2017 की तुलना में लगभग चार प्रतिशत कम हुआ था।
जहां तक उम्मीदवारों के आगे रहने या पिछड़ने की बात है तो आपको बता दें कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया के शहरी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीत की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के हिस्से और पाटीदार बहुल घाटलोडिया सीट ने गुजरात को दो मुख्यमंत्री दिए हैं- भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल। यह इलाका भाजपा का गढ़ है। हम आपको यह भी बता दें कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बावजूद 2017 में भूपेंद्र पटेल ने यह सीट 1.17 लाख मतों के बड़े अंतर से जीती थी। भाजपा ने पहले ही यह घोषणा कर दी है कि इन चुनाव के बाद पटेल के हाथों में ही राज्य की कमान रहेगी।
वहीं, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी खम्भालिया विधानसभा सीट से आगे चल रहे हैं। इसके अलावा भाजपा उम्मीदवार और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात के वीरमगाम विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमरसिंह ठाकोर पर बढ़त बना ली है।