नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए कोचिंग सेंटरों पर नकेल कसी है। सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करते हुए आदेश दिया है कि 16 साल से कम उम्र वाले विद्यार्थी कोचिंग नहीं जा सकते। सरकार ने कहा है कि इन आदेशों की अवहेलना करने वालों पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा, कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द भी हो सकता है। माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय से कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आने के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।
देश के शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए दिशानिर्देश के मुताबिक कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों को अपने यहां दाखिल नहीं कर सकेंगे और अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे भी नहीं कर सकेंगे। यह कदम दिशानिर्देशों के जरिए एक कानूनी ढांचे को स्थापित करके बेतरतीब तरीके से बढ़ रहे निजी कोचिंग संस्थानों को रोकने के लिए हैं।
मंत्रालय ने यह दिशानिर्देश विद्यार्थियों के आत्महत्या के बढ़ते मामलों, आग की घटनाओं, कोचिंग संस्थानों में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा अपनाई जाने वाली शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद तैयार किए गए हैं। दिशानिर्देश में कहा गया, ”कोई भी कोचिंग संस्थान स्नातक से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं करेगा। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते। संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते। विद्यार्थियों का कोचिंग संस्थान में रजिस्ट्रेशन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा पास करने के बाद ही होना चाहिए।”
The Ministry of Education issues Guidelines for Regulation of Coaching Centers 2024, placing student well-being at the forefront. Grounded in #NEP2020 principles, these guidelines prioritize mental well-being, fair practices, and inclusivity. It's a step towards creating a…
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) January 18, 2024
दिशानिर्देश के मुताबिक, ”कोचिंग संस्थान कोचिंग की गुणवत्ता या उसमें दी जाने वाली सुविधाओं या ऐसे कोचिंग संस्थान या उनके संस्थान में पढ़े छात्र द्वारा प्राप्त परिणाम के बारे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी दावे को लेकर कोई भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकते हैं या प्रकाशित नहीं करवा सकते हैं या प्रकाशन में भाग नहीं ले सकते हैं।” कोचिंग संस्थान किसी भी शिक्षक या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो अनैतिक कदाचार या किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। कोई भी संस्थान तब तक पंजीकृत नहीं होगा जब तक कि वह इन दिशानिर्देशों की आवश्यकता को पूरा न कर ले।
दिशानिर्देश में कहा गया है, ”कोचिंग संस्थानों की एक वेबसाइट होगी, जिसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों (ट्यूटर्स) की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्य सामग्री, पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और फीस का पूरा विवरण होगा।” नए दिशानिर्देशों के अनुसार, विद्यार्थियों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण कोचिंग संस्थानों को उन्हें तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए और उन पर अनावश्यक दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी चाहिए।
दिशानिर्देश में कहा गया, ”कोचिंग संस्थानों को तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप के लिए एक विभाग स्थापित करना चाहिए। उस विभाग का सक्षम अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकता है कि कोचिंग संस्थान द्वारा तनावग्रस्त छात्र की मदद के लिए एक परामर्श प्रणाली विकसित करे।”
दिशानिर्देश में कहा गया है कि विभिन्न पाठ्यक्रमों का शुल्क पारदर्शी और तार्किक होना चाहिए और फीस की रसीद दी जानी जरूरी है। इसमें साफ किया गया है कि अगर छात्र बीच में ही पाठ्यक्रम छोड़ता है तो उसकी बची हुई अवधि की फीस लौटाई जानी चाहिए।
केंद्र ने कहा है कि कोचिंग संस्थनों पर दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना जाएगा या अत्यधिक शुल्क वसूलने पर उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जा सकता है। कोचिंग संस्थानों की उचित निगरानी के लिए सरकार ने दिशानिर्देश के प्रभावी होने के तीन महीने के भीतर नए और मौजूदा कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण करने का प्रस्ताव दिया है। दिशानिर्देश के मुताबिक, राज्य सरकार कोचिंग संस्थान की गतिविधियों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे।
https://www.education.gov.in/sites/upload_files/mhrd/files/Guideliens_Coaching_Centres_en.pdf
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