Delhi Services Bill: दिल्ली सेवा विधेयक 2023 लोकसभा में पारित, विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट, शाह बोले – इनको डेमोक्रेसी, देश ना जनता की चिंता, गठबंधन बचाने की मंशा है

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित हो गया। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने विरोध स्वरूप वाकआउट किया। यह बिल मंगलवार को अमित शाह ने संसद में पेश किया गया था। दिल्ली सेवा विधेयक मौजूदा अध्यादेश की जगह लेगा जो दिल्ली सरकार को अधिकांश सेवाओं पर नियंत्रण देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द कर देता है। अध्यादेश अरविंद केजरीवाल की AAP और केंद्र के बीच एक प्रमुख टकराव रहा है। वहीं, आप सांसद सुशील कुमार रिंकू को आसन पर कागज फेंकने के कारण लोकसभा के शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ओम बिरला ने फैसले की घोषणा करने से पहले सदन की मंजूरी मांगी।

लोकसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023’ चर्चा पर जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सेवाएँ हमेशा केंद्र सरकार के पास रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने व्याख्या दी। 1993 से 2015 तक किसी मुख्यमंत्री ने नहीं लड़ी लड़ाई। कोई लड़ाई नहीं हुई क्योंकि जो भी सरकार बनी उसका लक्ष्य लोगों की सेवा करना था। अगर सेवा करनी है तो लड़ने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि लेकिन अगर उन्हें सत्ता चाहिए तो वे लड़ेंगे। इसके साथ ही शाह ने दावा किया कि I.N.D.I.A गठबंधन के बाद भी, पीएम मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। सभी बिल महत्वपूर्ण हैं और आपको सदन में उपस्थित रहना चाहिए था। इस (दिल्ली सेवा विधेयक) विधेयक के पारित होने के बाद गठबंधन टूट जाएगा।

लोकसभा की कार्यवाही

* कांग्रेस ने दिल्ली में ‘समूह-ए’ के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के प्रावधान वाले विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह देश के संघीय ढांचे के साथ छेड़छाड़ है और ऐसा किया जाता रहा तो ‘हिंदुस्तान तबाह हो जाएगा’। गृह मंत्री अमित शाह ने ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023’ को लोकसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा। चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘‘यह दिल्ली है, दिल्ली हमारा दिल है…दिल्ली के साथ बार-बार छेड़छाड़ क्यों की जा रही है?’’ भाजपा ने दिल्ली को दुनिया के सामने आदर्श राजधानी के रूप में प्रस्तुत करने के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023’ को जरूरी बताया और कहा कि केजरीवाल नीत प्रदेश सरकार ने सीसीटीवी कैमरे लगाने, मुफ्त वाई फाई सेवा देने, जल आपूर्ति करने और लोकपाल लाने जैसे वादे पूरे नहीं करके जनता के साथ विश्वासघात किया।

तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना से संबंधित विधेयक का विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह दिल्ली की निर्वाचित सरकार के अधिकारों को निशाना बनाने के लिए लाया गया विधेयक है। जनता दल (यूनाइटेड) ने दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना से जुड़े विधेयक को संघीय ढांचे पर हमला करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकलाज को ताख पर रख दिया है। बीजू जनता दल (बीजद) ने दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना से जुड़े विधेयक का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान दिल्ली के संदर्भ में यह विधेयक लाने की अनुमति प्रदान करता है, इसलिए उसने इसका समर्थन करने का निर्णय लिया। (पिनाकी मिश्रा) विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद को दिल्ली के संबंध में कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है और जब दिल्ली में सड़कों, अस्पतालों, स्कूलों और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र धन देता है तो यहां व्यवस्था बिगड़ने पर उसे हस्तक्षेप करने का भी अधिकार है।

* सरकार ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में ‘डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक’ पेश किया। विधेयक को अध्ययन के लिए संसदीय समिति को भेजे जाने की विपक्षी सदस्यों की मांग के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे सदन में पेश किया। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक को धन विधेयक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उनके इस दावे को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खारिज कर दिया।

राज्यसभा की कार्यवाही

* राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को प्रेस एवं नियत कालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिसमें प्रकाशकों के लिए प्रक्रियागत अड़चनों को दूर करने तथा पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को आनलाइन बनाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। उच्च सदन में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा रखे गये इस विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया।

* सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1,365 और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 703 पद रिक्त हैं। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी।

* सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में उम्मीद जताई कि अगले पांच वर्ष में भारत में ही आइस ब्रेकर (ध्रुवीय अनुसंधान पोत) बनने लगेंगे। पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब देते हुए कहा कि आइस ब्रेकर पोत हासिल करने के पिछले प्रयास में विभिन्न वजहों से देरी हुई।

* राज्यसभा के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को बोरवेल व ट्यूबवेल के गड्ढों में गिरने से बच्चों की मौत, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की नदियों में प्रदूषण और केरल में सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने के कथित प्रयासों पर चिंता जताई और इन मामलों में सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग की।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के प्रति सरकार के गंभीर होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि इस साल देश भर में 1,000 खेलो इंडिया केंद्र खोले जाएंगे जिनमें से 227 ऐसे केंद्र पूर्वोत्तर राज्यों में होंगे।

* संसद ने ‘अपतट क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2023 को बृहस्पतिवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिसमें खनन के क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। राज्यसभा ने इस विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। (प्रह्लाद जोशी)

* मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के कारण राज्यसभा में जारी गतिरोध के बीच सदन में उस समय हंसी की लहर दौड़ गयी जब सभापति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह 45 वर्ष से अधिक समय से विवाहित हैं और वह कभी गुस्सा नहीं होते।

* राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिसमें दलाली पर रोक लगाने एवं कानूनी पेशे के नियमन को बेहतर बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं। विधेयक पर चर्चा से पहले विपक्षी दलों के सदस्यों ने मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।

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