मौसम डेस्क(Bns)। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को कहा कि चक्रवात ‘बिपारजॉय’ पिछले 6 घंटों में 2 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ने के साथ एक बहुत ही भयंकर तूफान में बदल गया। अरब सागर में इस साल उठने वाला पहला चक्रवाती तूफान ‘बिपोरजॉय’ तेजी से गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों ने इससे केरल में मानसून की ‘धीमी’ शुरुआत होने और दक्षिणी प्रायद्वीप के आगे ‘कमजोर’ प्रगति करने का पूर्वानुमान लगाया है। बुधवार को सुबह 9:00 बजे (आईएसटी) अपडेट किए गए अपने नवीनतम बुलेटिन में आईएमडी ने कहा कि अगले 24 घंटों में चक्रवात के अपनी तीव्रता को बनाए रखते हुए लगभग उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके बाद अगले 3 दिनों में यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
Cyclone 'BIPARJOY' over Arabian Sea. Unlikely to affect India.
Biparjoy means 'Calamity' or 'destruction'. The name has been given by Bangladesh.
My friend asking was this name suggested by the Sanghi's. He thought it means extreme happiness. Who else can enjoy a calamity? pic.twitter.com/rkwI0Ui4mV
— AJAY PRAKASH (@ajayprakash1000) June 7, 2023
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में चक्रवाती तूफान ‘बिपोरजॉय’ पिछले छह घंटे में दो किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की तरफ बढ़ा और एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया… यह सुबह करीब साढ़े पांच बजे गोवा से करीब 890 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1,000 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1,070 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 1,370 किलोमीटर दक्षिण में उसी स्थान पर केंद्रित रहा। पूर्वानुमान एजेंसियों के मुताबिक, तूफान ‘‘तेजी से उग्र रूप अख्तियार कर रहा है।
आईएमडी ने मंगलवार को कहा था कि चक्रवात से मानसून की प्रगति प्रभावित होने की संभावना है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है। इस दौरान, हल्की बारिश होने ही संभावना है। उसने कहा, ‘‘अरब सागर में ऐसी शक्तिशाली मौसम प्रणालियां अंदरूनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। चक्रवात के प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में धीमी गति से पहुंच सकता है, लेकिन इसे पश्चिम घाटों से आगे जाने में संघर्ष करना पड़ेगा।’’ दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून को केरल में दस्तक देता है। इसके आगमन के समय में सात दिन का अंतर हो सकता है।
मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मानसून चार जून तक केरल पहुंच सकता है। स्काईमेट ने पहले मानसून के सात जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान लगाते हुए कहा था कि यह तीन दिन पहले या बाद में वहां पहुंच सकता है। दक्षिण-पूर्वी मानसून ने पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल में दस्तक दी थी। आईएमडी ने पहले कहा था कि अल-नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईएमडी ने मछुआरों को 10 जून तक समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की है। वर्तमान में समुद्र में मौजूद मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है। आईएमडी की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी निर्देशों में यह सलाह दी गई है कि मछुआरे 7 से 9 जून तक दक्षिण अरब सागर के मध्य और आसपास के क्षेत्रों में और 10 जून को उत्तर और दक्षिण अरब सागर के मध्य और आसपास के क्षेत्रों में जाने से बचें। केरल-कर्नाटक तटों के साथ-साथ लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्रों के साथ-साथ मछुआरों को 6 और 7 जून को सतर्क रहना चाहिए, जबकि कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ 8 जून से 10 जून तक सतर्क रहना चाहिए।
Today’s satellite imagery of Cyclone #Biparjoy in the Arabian Sea. Maximum wind speed over 100 km/h. #CycloneBiparjoy #BiparjoyCyclone pic.twitter.com/JkfBEeZgzx
— Zoom Earth (@zoom_earth) June 6, 2023