न्यूज़ डेस्क। देश के कुछ मीडिया संस्थानों और राजनीतिक दलों द्वारा कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को भारत से जोड़ने के कारण सियासी घमासान मचा हुआ है। मोदी सरकार को बदनाम करने के चक्कर में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कोरोना वायरस को भारतीय वेरिएंट बताकर देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। इसको लेकर मोदी सरकार ने सख्त रूख अख्तियार किया है। मोदी सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कोरोना वायरस के भारतीय वेरिएंट के संदर्भ वाले सभी कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया है।
भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को पत्र लिखकर ऐसी सभी सामग्री को हटाने के लिए कहा है, जो कोरोना वायरस के भारतीय वेरिएंट के संदर्भ में हो। कोरोना को लेकर गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
सूत्रों ने कहा कि आईटी मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 मई को ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी थी। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों से कहा गया है कि वे ऐसा हर वो कंटेंट हटा दें जिसमें कोरोना वायरस के इंडियन वेरिएंट का जिक्र हो, संदर्भ हो या उसका अर्थ भी निकलता हो।
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मई को कहा था कि पिछले साल भारत में पहली बार पहचाने गए कोरोना वायरस के वेरिएंट बी.1.617 को वैश्विक चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया गया था। हालांकि, भारत सरकार ने एक दिन बाद बयान जारी कर कहा कि भारतीय वेरिएंट शब्द का उपयोग करने वाली मीडिया रिपोर्ट बिना किसी आधार के थी।