भारत के पास विमान से विमान वाहक पोत तक बनाने की क्षमता है : प्रधानमंत्री मोदी

बेंगलुरु। कर्नाटक के बेंगलुरू में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने यह दशक न्यू इंडिया के लिए महत्वपूर्ण है। अगला दशक भारत की ताकत और वैश्विक स्थिति तय करेगा। यह दशक उन युवाओं और नवोन्मेषकों के लिए है जो 21 वीं सदी में पैदा हुए हैं या युवा हैं।

PM मोदी ने आगे कहा कि ये संयोग ही है कि अभी कुछ समय पहले में तुमकुर में किसानों के कार्यक्रम में था और अब यहां देश के जवान और अनुसन्धान कि चिंता करने वाले आप सभी साथियों के बीच में हूं और कल मुझे साइंस कांग्रेस में जाना है। मुझे संतोष है कि Advanced Technologies के क्षेत्र में 5 लैब्स स्थापित करने के सुझाव पर गंभीरता से काम हुआ और आज बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई में 5 ऐसे संस्थान शुरू हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ये प्रयोगशालाएं सिर्फ तकनीक का परीक्षण नहीं करेंगी, यह हमारे युवा वैज्ञानिकों के स्वभाव और धैर्य का भी परीक्षण करेंगी। इससे आपको सकारात्मकता और उद्देश्य से प्रेरित होना चाहिए। आपको याद होगा कि 130 करोड़ भारतीयों के जीवन को आसान और सुरक्षित बनाना आपकी ज़िम्मेदारी है। आज का ये कार्यक्रम तो एक शुरुआत है. आपके सामने सिर्फ अगला 1 साल नहीं बल्कि अगला 1 दशक है। इस 1 दशक में DRDO का मीडियम और लॉन्ग टर्म रोडमैप क्या हो, इस पर बहुत गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

PM नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि मैं DRDO को उस ऊंचाई पर देखना चाहता हूं जहां वो न सिर्फ भारत के वैज्ञानिक संस्थानों की दिशा और दशा तय करे।बल्कि दुनिया के अन्य बड़े संस्थानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बने। आपने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को दुनिया के सबसे उत्कृष्ट कार्यक्रमों में शामिल किया है।बीता वर्ष तो Space और Air Defense के क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य को नई दिशा देने वाला रहा है।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.