नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की। वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी के उद्घाटन संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा। भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है। PM मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को आयात न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा। महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो कृषि क्षेत्र में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब कोयला और खनन के सेक्टर में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे हैं,ये दिखाता है कि भारत इस संकट को अवसर में बदलने के लिए कितना गंभीर है, कितना प्रतिबद्ध है।
महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो Agriculture Sector में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब Coal और Mining के Sector में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 18, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम सिर्फ वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी ही लॉन्च नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं। साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए। जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया।ऐसे कदमों के कारण कोयला क्षेत्र को मजबूती भी मिली।
जो देश Coal Reserve के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो,
जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Producer हो,
वो देश Coal का Export नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Coal Importer हैं: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) June 18, 2020
वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए आज जो ये नीलामी की शुरुआत हो रही है वो हर हितधारकों के लिए फायदेमंद स्थिति है।इंडस्ट्रीज को, आपको, अपने बिजनेस, अपने निवेश के लिए अब नए साधन मिलेंगे, नया मार्केट मिलेगा। कोयला रिफॉर्म करते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि वातावरण की रक्षा भारत का कमिटमेंट कहीं से भी कमजोर न पड़े। कोयला से गैस बनाने के लिए अब बेहतर और आधुनिक टेक्नोलॉजी आ पाएगी, कोल गैसीफिकेशन जैसे कदमों से वातावरण की भी रक्षा होगी।
कोल सेक्टर में हो रहे रीफॉर्म, इस सेक्टर में हो रहा निवेश, लोगों के जीवन को, विशेषकर हमारे गरीब और आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को आसान बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 18, 2020
PM मोदी ने कहा कि हमने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक करीब 100 मिलियन टन कोयले को गैसीफाई किया जाए। मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब-करीब 20 हज़ार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे। ये नीलामी ऐसे समय में हो रहे हैं, जब भारत में व्यावसायिक गतिविधि तेज़ी से नॉर्मल हो रही है।
साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए।
जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया।
ऐसे कदमों के कारण Coal Sector को मजबूती भी मिली: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) June 18, 2020
खपत और मांग बड़ी तेज़ी से प्री-कोविड लेवल की तरफ आ रही है।ऐसे में इस नई शुरुआत के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। आज भारत के उद्योग जगत को,व्यापारी जगत को, सर्विस सेक्टर लीड करने वाले लोगों के लिए इतिहास को बदलने का मौका आया है। हमें इस अवसर को छोड़ना नहीं। आए भारत को आत्मनिर्भर बनाए। मामला तो कोयला का है हीरे के सपना देखकर चलना है।