न्यूज़ डेस्क(Bns) । संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि शीर्ष सांस्कृतिक संस्थानों और अकादमियों को सरकारी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं से पूर्व उपक्रमों पर हस्ताक्षर करना चाहिए, ताकि बाद में पुरस्कार वापसी जैसी स्थित’ से बचा जा सके। समिति ने कहा कि कुछ राजनीतिक मुद्दों, जो सांस्कृतिक दायरे से बाहर हैं। उसके विरोध में प्राप्तकर्ताओं द्वारा पुरस्कार लौटाने से पुरस्कारों की समग्र प्रतिष्ठा और प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है। इसके अलावा, समिति ने यह भी प्रस्ताव दिया कि सरकारी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को अपनी लिखित सहमति देनी चाहिए और एक उपक्रम पर हस्ताक्षर करना चाहिए, जो उन्हें बाद में पुरस्कार लौटाने से हतोत्साहित करेगा।
समिति ने कहा कि किसी भी संगठन द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार किसी कलाकार का सम्मान करते हैं और इसमें राजनीति के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। समिति ने इसे ‘अपमानजनक’ बताते हुए सुझाव दिया कि जब भी कोई पुरस्कार दिया जाए तो प्राप्तकर्ता की सहमति ली जानी चाहिए, ताकि वे किसी राजनीतिक कारण से इसे वापस न करें। समिति ने कहा कि एक ऐसी प्रणाली बनाई जा सकती है जहां प्रस्तावित पुरस्कार विजेता से पुरस्कार की स्वीकृति का हवाला देते हुए एक वचन लिया जाए और पुरस्कार विजेता भविष्य में किसी भी समय पुरस्कार का अपमान नहीं कर सके।
समिति ने कहा कि पुरस्कार लौटाए जाने की स्थिति में पुरस्कार विजेता के नाम पर भविष्य में ऐसे पुरस्कार के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
सोर्स : मीडिय रिपोर्ट