इनकी औरतें टके के भाव बिकी थीं, गद्दार हिन्दुओं ने 100 साल मुगलों की गुलामी की, किसान आंदोलन में योगराज सिंह बोले – हिन्दुओं-गुजरातियों को कहा गद्दार, ट्विटर पर ट्रेड हो रहा #ArrestYograjSingh

न्यूज़ डेस्क। क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे योगराज सिंह की गिरफ्तारी की मांग होने लगी है। ट्विटर पर #ArrestYograjSingh ट्रेंड हो रहा है।

दरअसल, योगराज सिंह पर आरोप है कि किसान आंदोलन में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने गुजरातियों को लेकर जो बयान दिया उसको लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग हो रही है।

https://twitter.com/ashokepandit/status/1334950771025092610?s=20

भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने ‘किसान आंदोलन’ पहुँच कर हिन्दुओं के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया। उन्होंने हिन्दुओं को गद्दार करार दिया। इसके बाद लोगों ने उनकी गिरफ़्तारी की माँग की। योगराज सिंह का वो भाषण भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया, जिसमें वे हिन्दू महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। योगराज सिंह ने आरोप लगाया कि ‘गद्दार’ हिन्दुओं ने 100 साल मुगलों की गुलामी।

https://twitter.com/drAtripathi7799/status/1335062794618597376?s=20

योगराज सिंह ने कहा, “इनकी औरतें टके-टके के भाव बिकी थीं। हमने ही इनकी औरतों को बचाया।” योगराज सिंह ने वहाँ उपस्थित प्रदर्शनकारियों को पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भड़काते हुए कहा कि वो गुजरातियों पर कभी भी भरोसा नहीं करें। उन्होंने कहा कि गुजराती अपनी माँ-बहनों की कसम खा कर पलट जाते हैं। योगराज सिंह ने दावा किया कि सिख गुरुओं ने हिन्दुओं को बचाया।

लोगों ने योगराज के पंजाबी में दिए गए इस भाषण को घृणित करार देते हुए ‘किसान आंदोलन’ की आड़ में दो समुदायों को लड़ाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। खासकर महिलाओं और हिन्दुओं के खिलाफ की गई उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर लोगों में रोष देखने को मिला। अशोक पंडित और सुमित काडेल जैसी फ़िल्मी हस्तियों ने भी उनके बयान की निंदा की।

इससे पहले जब योगराज सिंह से पूछा गया था कि इस ‘किसान आंदोलन’ में इंदिरा गाँधी की हत्या को याद कराते हुए पीएम मोदी को भी धमकी दी गई है, तो उन्होंने कहा था कि जिसने जो बोया है, वो वही काटेगा। उन्होंने इसे भावनाओं की लड़ाई बताते हुए कहा था कि सरकार को ऐसा कोई भी बयान नहीं देना चाहिए, जो भारत को विभाजित करे। उन्होंने भारत सरकार पर मुग़ल बादशाहों बाबर, औरंगजेब और अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूरता और अत्याचार करने के आरोप लगाए।

उन्होंने यहाँ तक आरोप लगाया था कि अमित शाह ने अपनी सुरक्षा घेरे में से सिख सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया है। उन्होंने चुनौती दी कि मोदी-शाह ‘अपने दोस्त’ अम्बानी-अडानी को पंजाब लाकर दिखाएँ, फिर हम देखेंगे कि वो कैसे वापस जाते हैं? उन्होंने प्रदर्शनकारियों से उनके बीच से ‘एक और जरनैल सिंह भिंडरवाला’ को पैदा करने के लिए कहा।

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