नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख आदिवासी चेहरे विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। विष्णु देव साय को पार्टी के 54 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के दौरान विधायक दल का नेता चुना गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले महीने कुनकुरी निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मतदाताओं से कहा था कि विष्णु देव साय को विधायक बनाओ, मैं इन्हें फिर बड़ा आदमी बनाऊंगा। अमित शाह ने कहा था कि अगर पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो विष्णु देव साय को “बड़ा आदमी” बना दिया जाएगा। और हुआ भी ऐसा ही। विष्णु देव साय को बीजेपी ने बहुमत में आने पर छत्तीसगढ़ की सत्ता सौंप दी है।
अपने परिवार की समृद्ध राजनीतिक विरासत और केंद्रीय मंत्री रहते हुए महत्वपूर्ण विभागों को संभालने के बावजूद, 59 वर्षीय आदिवासी नेता विष्णु देव साय अपनी विनम्रता, सरल स्वभाव, काम के प्रति समर्पण और लक्ष्यों को प्राप्त करने के दृढ़ संकल्प के लिए जाने जाते हैं। विष्णु देव साय ने तीन बार भाजपा की छत्तीसगढ़ इकाई का नेतृत्व किया है, जो उनके संगठनात्मक कौशल में केंद्रीय नेतृत्व के विश्वास को दर्शाता है। एक गुमनाम गांव के सरपंच के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले विष्णु देव साय तेजी से आगे बढ़े और 2014 में केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली मंत्रिपरिषद के सदस्य बने।
छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय, रायपुर में आयोजित विधायक दल की बैठक में सम्मिलित हुआ तथा विधायक दल की सर्वसम्मति से भाजपा के कर्मठशील नेता एवं कुनकुरी विधानसभा के लोकप्रिय विधायक श्री @vishnudsai जी को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री चुना गया।
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— Nitin Nabin (Modi ka Parivar) (@NitinNabin) December 10, 2023
विष्णु देव साय आदिवासी बहुल जशपुर जिले के एक छोटे से गांव बगिया के एक किसान परिवार से हैं तथा राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। विष्णु देव साय के दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक मनोनीत विधायक थे। उनके ‘बड़े पिता जी’ (उनके पिता के बड़े भाई) स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय जनसंघ (भाजपा के पूर्ववर्ती) के सदस्य थे। वह (नरहरि प्रसाद साय) दो बार (1962-67 और 1972-77) विधायक रहे तथा सांसद (1977-79) के रूप में चुने गए।उन्होंने जनता पार्टी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। विष्णु देव साय के पिता के एक अन्य बड़े भाई केदारनाथ साय भी जनसंघ के सदस्य थे और तपकारा से विधायक (1967-72) चुने गए थे।
विष्णु देव साय ने कुनकुरी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और स्नातक की पढ़ाई के लिए अंबिकापुर चले गए। लेकिन उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 1988 में अपने गांव लौट आए। 1989 में उन्हें बगिया ग्राम पंचायत के ‘पंच’ के रूप में चुना गया और अगले साल वह निर्विरोध सरपंच बन गए।
ऐसा कहा जाता है कि भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने उन्हें 1990 में चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उसी वर्ष, विष्णु देव साय अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा (जशपुर जिले में) से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए थे। साल 1993 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यह सीट बरकरार रखी। साल 1998 में उन्होंने निकटवर्ती पत्थलगांव सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे।
वह लगातार चार बार – 1999, 2004, 2009 और 2014 में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भाजपा ने विष्णुदेव साय को 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों में पत्थलगांव सीट से मैदान में उतारा, लेकिन वह दोनों बार हार गए। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद विष्णु देव साय को इस्पात और खनन राज्य मंत्री बनाया गया था। वह छत्तीसगढ़ के उन 10 मौजूदा भाजपा सांसदों में से थे, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया गया था।
इस साल नवंबर माह में चुनावों से पहले, साय को जुलाई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नामित किया गया था। चुनाव में उन्हें कुनकुरी (जशपुर जिला) से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक यू डी मिंज को 25,541 वोट के अंतर से हराकर जीत हासिल की। राज्य के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद विष्णुदेव साय ने उन पर भरोसा जताने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के अन्य नेताओं को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने रविवार को संवाददाताओं से कहा, “मुख्यमंत्री के रूप में, मैं सरकार के माध्यम से पीएम मोदी की गारंटी (भाजपा के चुनाव पूर्व वादे) को पूरा करने का प्रयास करूंगा।”
#Kurukshetra | विष्णु देव साय का पूरा परिवार संघी है..किसान परिवार से आते हैं..वो सबकी सहमति से मुख्यमंत्री बने हैं- @MediaHarshVT, सीनियर जनर्लिस्ट #ChattisgarhCM #VishnuDeoSai #BJP #MP #Rajasthan pic.twitter.com/5edhAku1Ko
— India TV (@indiatvnews) December 10, 2023
जानें विष्णु देव साय के बारे में :
जन्म
- 21 फरवरी, 1964, ग्राम बगिया, जिला जशपुर
परिवार
- विष्णु देव की पत्नी का नाम कौशल्या देवी है। उन्होंने 1991 में शादी की थी।
- विष्णु देव और कौशल्या देवी का एक बेटा (तोषेन्द्र) और दो बेटी है।
शिक्षा
- विष्णु देव ने कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से 11वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है।
राजनीतिक सफर
- विष्णु देव साय का राजनीतिक सफर तब शुरू हुआ था, जब वे ग्राम बगिया में निर्विरोध सरपंच चुने गए थे।
- विष्णु देव साय ने अपना राजनीतिक करियर छत्तीसगढ़ के मध्य प्रदेश से अलग होने से पहले 1990-98 के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में शुरू किया था।
- 1990-98 तक मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे (दो कार्यकाल)।
- विष्णु देव ने 1999 से 2014 तक रायगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चार लोकसभा चुनाव जीता।
- 1999 में 13 वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए।
- 2000-2004 में कृषि मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
- 2004 में 14वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। सूचना प्रौद्योगिकी समिति के सदस्य रहे।
- 5 अगस्त, 2007 में जल संसाधन समिति के सदस्य रहे।
- 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। ये तीसरी बार था, जब वह सांसद बने थे।
- 31 अगस्त, 2009, वाणिज्य समिति के सदस्य रहे।
- 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुनाव लड़े और जीतकर सांसद बने।
- 9 नवंबर, 2014 को केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए।
- 5 जुलाइ,र् 2016 को केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए।
- विष्णु देव साय ने 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है।
संपत्ति
- 2023 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक विष्णु देव साय की कुल संपत्ति 3 करोड़ 80 लाख 81 हजार 550 रुपए है।
- विष्णु देव साय की देनदारी 65 लाख रुपए है। राजनीति में आने से पहले इनका पेशा किसानी था।