नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर चीन से जारी तनाव के बीच राहुल गांधी के ’15 मिनट’ वाले बयान पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पलटवार किया है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को 1962 में अपनी सलाह सुननी चाहिए थी, जब भारत ने चीन के साथ युद्ध के दौरान कई हेक्टेयर भूमि खो दी थी। उन्होंने कहा कि 1962 में कांग्रेस ने 15 मिनट में चीन को बाहर क्यों नहीं फेंका। दरअसल, अमित शाह ने 7 अक्टूबर को हरियाणा में नए किसान कानूनों के खिलाफ एक रैली के दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच चल रही तनातनी के संबंध में राहुल गांधी की 15 मिनट वाले बयान पर जवाब दिया।
राहुल गांधी के बयान ‘अगर हम सत्ता में होते तो 15 मिनट से भी कम समय में चीन को बाहर फेंक देते’ पर अमित शाह ने टीवी चैनल जी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा, ‘इसे 1962 में ही अप्लाई कर लेना चाहिए था। अगर वो 1962 में ही ऐसा कर लेते, तो भारत अपने हेक्टेयर्स भूमि ना खो दी होती। उस वक्त के प्रधानमंत्री ने तो आकाशवाणी पर यह तक कह दिया था- बाय-बाय असम। कांग्रेस पार्टी हमें ये नसीहत कैसे दे सकती है। आपके परनाना की सरकार थी, तभी चीनी सरकार के हाथों हमारी जमीनें जाती रहीं।’
15 जून को गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष पर अमित शाह ने कहा कि मुझे 16 बिहार रेजीमेंट पर काफी गर्व है। हमारे समय में हमने कम से कम डटकर मुकाबला किया है। मैं गर्व करता हूं बिहार रेजीमेंट के उन जवानों पर, जिन्होंने हड्डियां गलाने वाली ठंड में भी रात को मुस्तैद रहकर हमारे देश की सीमा की सुरक्षा की है और कठोर जवाब दिया है। हालांकि, अमित शाह ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव को बातचीत के जरिए हल कर लिया जाएगा।
दरअसल, 7 अक्टूबर को हरियाणा में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया था कि ‘पीएम मोदी ने कहा था कि किसी ने भी भारत की जमीन नहीं छीनी है। राहुल गांधी ने कहा कि आज, दुनिया में केवल एक ही देश है जिसकी भूमि दूसरे देश द्वारा ली गई है और पीएम खुद को देशभक्त कहते हैं। अगर हम सत्ता में होते तो 15 मिनट से भी कम समय में चीन को बाहर निकाल फेंकते।’