नई दिल्ली। लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने पर ट्विटर ने हलफनामा दायर करके अपनी गलती स्वीकार की है। इसके साथ ही, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने गलती को जल्द सुधारने की भी बात कही है। यह जानकारी डाटा सुरक्षा बिल पर संसद की संयुक्त समिति की प्रमुख मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को दी।
लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने के बाद यह विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब लेह स्थित वॉर मेमोरियल से ट्विटर पर लाइव ब्रॉडकास्ट किया गया था और उसमें लोकशन ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ दिखाई जा रही थी। इसको लेकर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफ्रॉर्मेशन टेक्नॉलजी के सचिव ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्जी को लेटर लिखकर सरकार की ओर से नाराजगी जाहिर की थी।
.@Twitter has apologised and will rectify it's error on wrongly geo-tagging Ladakh as part of China…Dreams of Guptkar gang will never come true: Joint Data Protection Committee Chairman @M_Lekhi tells @CNNnews18 pic.twitter.com/g5GpQQ2qPR
— 🦏 Payal M/પાયલ મેહતા/ पायल मेहता/ পাযেল মেহতা (@payalmehta100) November 18, 2020
जेपीसी की प्रमुख मीनाक्षी लेखी ने कहा, ”हमें ट्विटर से एक हलफनामा मिला है, जहां उन्होंने लद्दाख के एक हिस्से को गलत तरीके से जियोटैग करते हुए चीन के हिस्से के रूप में दिखाने की अपनी गलती को स्वीकार किया है और बताया है कि वे अपनी इस गलती को इसे 30 नवंबर तक सुधार लेंगे।”
हाल ही में, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने जेपीसी के सामने मौखिक तौर पर माफी मांगी थी, लेकिन पैनल ने ट्विटर से लिखित माफी मांगने और हलफनामा जमा करने के लिए कहा था। JPC ने ट्विटर के प्रतिनिधियों के सामने आलोचना करते हुए कहा था कि यह देशद्रोह जैसा काम है।
मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि ट्विटर के प्रतिनिधियों ने पैनल को बताया है कि सोशल मीडिया कंपनी भारत की भावनाओं का सम्मान करती है। लेखी ने कहा, ”यह केवल संवेदनशीलता का मामला नहीं है, यह भारत की संप्रभुता और अखंडता का मामला है, लद्दाख को चीनी भाग के तौर पर दिखाना आपराधिक कृत्य के समान है जिसके लिए सात जेल की सजा का प्रावधान है।”