दिल्ली। भारत-चीन तनाव के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें चीन के साथ देश की व्यापार नीतियों का खुलासा करने के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। वहीं याचिका में अडानी समूह, महाराष्ट्र और एक चीनी कंपनी के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) को रद्द करने की भी मांग की गई है।
ज्ञात हो कि तीन साल पहले अडानी समूह ने एक भारतीय बंदरगाह की निर्माण इकाई में 300 मिलियन अमरीकी डालर का निवेश करने के लिए चीन की सबसे बड़ी निजी कंपनियों के साथ MoU साइन किया था। उस समय अडानी और ईस्ट होप ग्रुप के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें गुजरात में मुंद्रा विशेष आर्थिक क्षेत्र में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन उपकरण, रसायन, एल्यूमीनियम और पशु चारा का उत्पादन करने के लिए है। पीटीआई की खबर के मुताबिक शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास के एक बयान में ऐसा कहा गया था। वहीं राज्य में एक विनिर्माण सुविधा के लिए महारष्ट्र और ग्रेट वॉल मोटर्स ने1 बिलियन डॉलर का MoU साइन किया था।