मुंबई। तेलंगाना गर्ल मानसा वाराणसी ने मिस इंडिया 2020 का खिताब अपने नाम किया है, तो वहीं इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश की मान्या सिंह और हरियाणा की मनिका शियोकांड फर्स्ट और सेकेंड रनर अप रहीं। मालूम हो कि ये प्रतियोगिता 10 फरवरी को मुंबई में संपन्न हुईं।
आपको जानकर हैरत होगी कि इस प्रतियोगिता में यूपी की मान्या ओमप्रकाश सिंह ने जिस तरह से लोगों के सामने परफार्म किया, उससे कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता है कि यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कितना और कैसा संघर्ष किया है। दरअसल मान्या सिंह यूपी के एक छोटे से शहर के रिक्शाचालक की बेटी हैं। हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में मान्या ने अपनी जिंदगी के कड़वे सच के बारे में लोगों को बताया था।
मान्या ने कहा था कि यहां तक पहुंचना ही एक ख्वाब के पूरे होने जैसा है, उनके पापा रिक्शा चालक हैं और उनकी मां घरों में साफ-सफाई का काम किया करती थीं। उनका बचपन दूसरों के दिए कपड़े, किताबें और खिलौनों पर ही बीता है। यहां तक उनकी मां को शारीरिक और मानसिक शोषण का भी शिकार होना पड़ा, उन्होंने काफी कुछ सहा है। मां-पापा दोनों ने अपने जेवर बेचकर मुझे पढ़ाया है तो वहीं उन्होंने कई रातें बिना खाए गुजारी हैं।
मान्या ने ये भी कहा था कि जब वो 14 साल की थीं तो वो घर से भाग गई थीं, जिससे वो घर के हालात को सही कर सके लेकिन मान्या ने कहा कि उन्हें समझ आ गया कि परिवार बिना वो अधूरी हैं। फिर वो घर वापस लौट आईं थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस किया।
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए मान्या ने भावुक होते हुए बताया था कि घर की माली हालत सुधारने के लिए उन्होंने काफी कम उम्र में ही नौकरी करनी शुरू कर दी थी, उन्होंने भी घरों में बर्तन साफ किए हैं तो वहीं वो कई बार ट्रेनों के वॉशरूम में रेडी होती थीं और रात में कॉल सेंटर्स में काम करती थीं।
मान्या ने अपने पिता, मां और भाई की स्थिति ठीक करने के लिए बहुत कुछ किया है। मान्या ने कहा कि अगर आप कुछ करने की ठान लें और उसके लिए दिन-रात सोचे और शिद्दत से उसके लिए मेहनत करें, तो आप हर चीज हासिल कर सकते हैं। ख्वाब देखिए और उसको पूरा करने में जुट जाइए।