पीएम मोदी ने सीएम संग छह बार की बैठक में कोरोना की दूसरी लहर से किया था सावधान

न्यूज़ डेस्क। आज के इस रियल टाइम फैक्ट के जमाने में कोई किसी पर इतना बड़ा आरोप कैसे लगा सकता है या इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकता है, जिस तरह आज देश में विपक्ष या विरोधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगा रहे हैं। इन्होंने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर से देश को अंधेरे में रखा या उसके लिए न तो किसी को बताया न ही उसे रोकने की कोई व्यवस्था की। विपक्ष के इन सारे आरोपों को भारतीय जनता पार्टी ने रियल टाइम फैक्ट से धराशायी कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सितंबर 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के मुख्यमंत्रियों के साथ छह बार बैठकें की हैं। पार्टी ने कहा है कि इन सभी बैठकों में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान न केवल उन्हें कोरोना की दूसरी लहर से अवगत कराया बल्कि उसकी भयावहता से भी अवगत कराया था। चूंकि ये बैठकें वर्चुअल रूप में हुई थी इसलिए इसके सारे साक्ष्य उपलब्ध हैं।

“हमारा आत्मविश्वास अति आत्मविश्वास में न बदल जाए”

भारतीय जनता पार्टी ने इस संदर्भ में डिटेल जारी कर कहा है कि सरकार ने पहले ही दूसरी लहर को लेकर सावधान किया था। प्रधानमंत्री ने देश के कुछ विशेष हिस्सों में बढ़ते संक्रमण के मसले को बार-बार उठाया और उसे संभालने के लिए उचित उपाय करने को भी कहा था। भाजपा ने 17 मार्च को सीएम के साथ पीएम की बैठकों का पूरा विवरण जारी किया है। इसमें पीएम ने कोरोना संक्रमण के एक नई स्पाइक की चेतावनी दी थी। इस संदर्भ में पीएम ने तत्काल कदम उठाने को कहा था। उन्होंने सचेत करते हुए कहा था कि वैसे तो हम अपने कोविड प्रबंधन को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन हमारा आत्मविश्वास अति आत्मविश्वास न बन जाए, इससे सावधान रहना होगा।

पीएम ने देश के सीएम को किया था सचेत

साल 2020 के सितंबर से लेकर अप्रैल 2021 तक पीएम ने कोरोना को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ छह बार वर्चुअल बैठकें कीं। सितंबर में हुई बैठक के दौरान पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से देश के 60 जिलों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था। क्योंकि उन जिलों में कोरोना के केस ज्यादा थे। कई राज्यों को सचेत रहने को कहा गया। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कोविड-विशिष्ट बुनियादी ढांचे के लिए राज्य आपदा कोष के उपयोग करने की सीमा को 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की सलाह दी थी।

पीएम की इन बैठकों से विपक्ष ने किया परहेज

भारतीय जनता पार्टी ने वर्चुअल बैठक को लेकर कहा कि 17 मार्च को सीएम के साथ पीएम की बातचीत तब हुई जब भारत में प्रतिदिन महज 30 हजार नए मामले आ रहे थे। पीएम की उस बैठक से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नदारद रहे। चुनाव के कारण देश और प्रदेश की जनता के जीवन को दांव पर लगाना उचित समझा। बघेल लंबे समय तक असम में कांग्रेस के प्रमुख प्रचारक के रूप में डटे रहे लेकिन एक घंटा बैठक के लिए नहीं निकाल पाए।

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