नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 72वां दिन है। वहीं दूसरी ओर आज राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सदन में कृषि कानून पर चर्चा के दौरान कानून पर सवालों के जवाब दिए। अब पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर आज सदन में मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दिए गए भाषण को लिंक शेयर किया है। उन्होंने लोगों से इस स्पीच को सुनने की अपील की है।
Agriculture Minister @nstomar's remarks on Motion of Thanks on the President's Address in Rajya Sabha. @AgriGoI https://t.co/pO6RQiSSL9
— Rajya Sabha TV (@rajyasabhatv) February 5, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषि सुधार कानूनों से जुड़े प्रत्येक पहलू को लेकर विस्तार से जानकारी दी है। मेरा विनम्र निवेदन है कि उनकी यह स्पीच जरूर सुनें। ट्वीट में पीएम मोदी ने एक यू-ट्यूब का लिंक भी शेयर किया है। आज राज्यसभा में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है। लेकिन इन कानूनों में ‘काला’ क्या है, कोई ये भी बताए।कृषि मंत्री बोले कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा।
कृषि मंत्री श्री @nstomar जी ने राज्यसभा में कृषि सुधार कानूनों से जुड़े प्रत्येक पहलू को लेकर विस्तार से जानकारी दी है। मेरा विनम्र निवेदन है कि उनकी यह स्पीच जरूर सुनें। https://t.co/OUFrW7BfKo
— Narendra Modi (@narendramodi) February 5, 2021
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है, लेकिन इन कानूनों में ‘काला’ क्या है, कोई ये भी बताए। कृषि मंत्री बोले कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा। अगर APMC के बाहर कोई ट्रेड होता है, तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का एक्ट राज्य सरकार के टैक्स को खत्म करता है, लेकिन राज्य सरकार का कानून टैक्स देने की बात करता है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो टैक्स लेना चाह रहा है, आंदोलन उनके खिलाफ होना चाहिए लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार के एक्ट के मुताबिक अगर किसान कोई गलती करता है, तो किसान को सजा होगी, लेकिन केंद्र सरकार के एक्ट में ऐसी कोई बात नहीं है। हमने किसान संगठनों के साथ 12 बार बात की, उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा और बार-बार यही कहा है कि आप क्या बदलाव चाहते हैं वो हमें बता दीजिए।