श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने दलीय मतभेदों को अलग रखते हुए अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का संकेत दिया है। इस मुद्दे पर नेशनल कान्फ्रेंस के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के घर एक बैठक हुई। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा था। बैठक में PDP, पीपुल्स कान्फ्रेंस, लेफ्ट पार्टियों के नेता हिस्सा लिया।
फारूक अब्दुल्ला ने बैठक के बाद कहा कि 5 अगस्त, 2019 से पहले अधिकार बहाल करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने महबूबा मुफ्ती के साथ गठबंधन का भी ऐलान किया। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ”हमने इस गठबंधन को पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन का नाम दिया है। हमारी मांग हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को वो सारे अधिकार दिए जाएं जो हमसे छीने गए हैं। भारत सरकार राज्य के लोगों के उन अधिकारों को लौटाए जो उन्हें 5 अगस्त 2019 से पहले मिलते थे।”
All the signatories to the Gupkar declaration have given a formal name to the grouping: People's Alliance. The alliance will constitutionaly fight for the restoration of August 4 position of J&K. pic.twitter.com/HJJfdF4DGo
— Najmu Saqib (@SAAQQIIB) October 15, 2020
उन्होंने कहा कि हम कुछ दिन बाद फिर मुलाकात करेंगे, जिसमें आगे के जो कदम हमें उठाने हैं, वो आपके सामने लाएंगे। बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी उपस्थित थीं। फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू -कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में ‘गुपकार घोषणा’ पर भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए अपने आवास पर बैठक बुलाई थी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी बैठक में शामिल हुई थीं। मुफ्ती को 14 महीने की हिरासत के बाद मंगलवार को छोड़ा गया। बुधवार को मुफ्ती से मुलाकात पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा था मेरे पिता और मैंने महबूबा मुफ्ती साहिबा से मिलकर रिहाई के बाद उनका हालचाल पूछा। उन्होंने कहा कि पीडीपी नेता ने ‘गुपकार घोषणा’ पर हस्ताक्षर करने वालों की गुरुवार को होने वाली बैठक में शामिल होने का न्योता स्वीकार कर लिया है।
— Najmu Saqib (@SAAQQIIB) October 15, 2020
क्या है गुपकार घोषणा
गुपकार घोषणा नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष के गुपकार स्थित आवास पर 4 अगस्त, 2019 को हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद जारी प्रस्ताव है। इसमें कहा गया था कि पार्टियों ने सर्व-सम्मति से फैसला किया है कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगी।