लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को लखनऊ में जिस स्कूटी से घूम रही थीं अब ट्रैफिक पुलिस ने उसका चालान काट दिया है। स्कूटी से सवारी के दौरान न तो उसे चलाने वाले ने और न ही प्रियंका गांधी ने हेलमेट पहना था। बता दें कि जिस स्कूटी का चालान कटा है उसे राजस्थान से कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर चला रहे थे।
प्रियंका शनिवार को दारापुरी के परिवारवालों से मिलने जा रही थीं, लेकिन लोहिया पार्क पर पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया और आगे जाने की अनुमति नहीं दी। इस वजह से प्रियंका ने अपनी गाड़ी छोड़कर पैदल आगे बढ़ने लगी। इस दौरान उनके साथ-साथ मौजूद कांग्रेसी कार्यकर्ता भी पीछे-पीछे चल दिए।
करीब 150 मीटर चलते हुए वह हाईकोर्ट के पुल पर पहुंची तो एक राजस्थान कांग्रेस एक विधाक किसी कार्यकर्ता की स्कूटी लेकर पहुंच गए। स्कूटी देखते ही प्रियंका ने विधायक गुर्जर को चलाने के लिए कहा और वो खुद पीछे बैठ गई। विधायक उन्हें स्कूटी पर बैठाकर फर्राटा भरने लगा। उधर, पुलिस के पसीने छूट गए। ASP ट्रैफिक पूर्णेंदु सिंह और ASP क्राइम दिनेश हैरान रह गए।
पार्टी कार्यकर्ता को हेलमेट नहीं पहनने पर 6100 रुपये का जुर्माना लगाया गया। प्रियंका और कांग्रेस कार्यकर्ता दोपहिया वाहन पर यात्रा करते समय हेलमेट नहीं पहने हुए थे जिसके बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने जो चालान काटा है उसमें ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर 2500 रुपये हेलमेट नहीं पहनने को लेकर 500 रुपये, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने को लेकर 300 रुपये, खराब नंबर प्लेट के लिए 300 रुपये और गलत तरीके से गाड़ी चलाने को लेकर 2500 रुपये का चालान शामिल है।
ज्ञात हो कि शनिवार को प्रियंका ने लखनऊ में जमकर इसलिए बवाल काटा, क्योंकि पुलिसवालों ने उन्हें रिटायर्ड IPS अधिकारी के घर जाने से रोक दिया था। प्रियंका ने आरोप लगाया कि कुछ महिला पुलिस अधिकारियों ने उन्हें गर्दन से पकड़कर धक्का दिया, उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोपों को खारिज कर दिया।
यूपी पुलिस पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए प्रियंका ने कल कहा था: “जब मैं दारापुरीजी के परिवार से मिलने जा रही थी तो यूपी पुलिस ने मुझे रोक लिया। एक पुलिसवाले ने मुझे अपने गले से पकड़ा और मेरे साथ छेड़छाड़ की। पार्टी कार्यकर्ता के दोपहिया वाहन पर जाते समय उन्होंने मुझे घेर लिया। ”
राज्य पुलिस ने हालांकि, आरोप को “झूठा” बताया, और कहा कि वे केवल अपना कर्तव्य निभा रहे थे। क्षेत्र प्रभारी अर्चना सिंह ने इस घटना पर एक रिपोर्ट अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपते हुए कहा कि आरोप “झूठे” थे।
” उनके द्वारा लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल भी सच नहीं है। मैं उनका (प्रियंका गांधी वाड्रा) बेड़ा प्रभारी था। किसी ने भी उसके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया, मैंने केवल अपना कर्तव्य निभाया। इस घटना के दौरान मुझे भी चोट लगी थी।