नई दिल्ली। भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे रईस मुकेश अंबानी दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। तेल से लेकर रिटेल तक और टेलीकॉम तक में अपना दबदबा दिखाने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी इस साल यानी 2020 की शुरुआत में ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स पर चौथे स्थान पर पहुंच गए थे। अब वो दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर अरबपतियों में भी नहीं हैं।
ब्लूमबर्ग रैंकिंग के अनुसार, मुकेश अंबानी की वर्तमान नेटवर्थ 76.5 बिलियन डॉलर ( 5.63 लाख करोड़ रुपये) है, जो इस वर्ष की शुरुआत में लगभग 90 बिलियन डॉलर (6.62 लाख करोड़ रुपये) से कम है। वर्तमान में आरआईएल टॉप बॉस अंबानी, सेर्गेई ब्रिन व लैरी एलिसन के बाद 11 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। सेर्गेई ब्रिन व लैरी एलिसन क्रमशः 9वें और 10 वें स्थान पर हैं।
मुकेश अंबानी के नेटवर्थ में गिरावट आरआईएल के शेयरों में करेक्शन की वजह से है, जो कि फ्यूचर समूह की खुदरा और थोक परिसंपत्तियों को खरीदने के लिए अपने सौदे की घोषणा के बाद 2,369.35 रुपये के अपने सभी समय के उच्च स्तर से लगभग 16% गिर चुका है। गुरुवार को आरआईएल के शेयर 1,994.15 रुपये पर बंद हुए। पिछले दो महीनों में आरआईएल के शेयरों में अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन द्वारा फ्यूचर ग्रुप के साथ सौदे को चुनौती देने के बाद प्रॉफिट बुकिंग देखी गई है।
अमेजन का कहना है कि 2019 का सौदा, जिसमें उसने फ्यूचर कूपन में लगभग 200 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। कंपनी ने कहा था कि किशोर बियानी के नेतृत्व वाला समूह “प्रतिबंधित व्यक्तियों” की सूची में किसी को भी अपनी खुदरा संपत्ति नहीं बेच सकता है। रिलायंस को भी नहीं।
आरआईएल के शेयर की कीमत में हालिया गिरावट के बावजूद इस साल यह अब तक 33% की छलांग लगा चुका है। इससे इसके निवेशकों की संपत्ति में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा हुआ। पिछले 25 वर्षों में (मार्च 1995-2020 ) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 3.78 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।