राजस्थान: मुस्लिमों ने की दलित युवक की मॉब लिंचिंग, लेकिन राहुल, प्रियंका,ओवैसी से लेकर दलित नेताओं और सेक्युलर गैंग में इतना सन्नाटा क्यों है ?

न्यूज़ डेस्क। जिस तरह मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों और सेक्युलर गैंग ने मॉब लिंचिंग शब्द को लेकर प्रोपेगैंडा किया उससे लगता है कि इसका सबसे अधिक पीड़ित वहीं है। इसको लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश हुई। लेकिन अब तक हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर गौर किया जाए तो इसके हैराने करने वाले मामले सामने आते हैं। मुस्मिल समुदाय ने कई ऐसी घटानों को अंजाम दिया, लेकिन मॉब लिंचिग पर हंगाम करने वालों ने चुप्पी साध ली। जैसा कि राजस्थान में दिल दहला देने वाली मॉब लिंचिंग की घटना सामने आयी है, लेकिन सभी मौन है।

दरअसल यह वीडियो राजस्थान के झालवाड़ जिले के झालरापाटन का है। जहां बीच सड़क पर कुछ बदमाश कृष्णा वाल्मीकि नाम के युवक को बेरहमी से पीट रहे हैं। सड़क पर गिरे युवक पर लगातार डंडे बरसा रहे हैं। पुलिस ने इस संबंध में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान सागर कुरैशी, रईस, इमरान, सोहेल, शाहिद कुरैशी और अख्तर अली के तौर पर हुई है। स्थिति संवेदनशील देखते हुए इलाके में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।

जानकारी के मुताबिक, कृष्णा वाल्मिकी मोची मोहल्ला का निवासी था। उसकी सूरजपोल दरवाजा क्षेत्र में रहने वाले सागर कुरैशी से लड़ाई थी। इसी का बदला लेने के लिए सागर अपने एक दर्जन साथियों के साथ हल्दीघाटी रोड पर आया और कृष्णा को बुरी तरह पीटकर फरार हो गया। बाद में उसको झालावाड़ राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहाँ हालत नहीं सुधरने पर उसे जयपुर रेफर किया गया। लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

वाल्मीकि समाज के युवक कृष्णा वाल्मीकि की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या करने के विरोध में अखिल भारतीय मीणा संघ के प्रदेश महासचिव ब्रह्मदत्त मीणा के नेतृत्व में गुड़ा में प्रदर्शन किया गया। राज्यपाल तथा केन्द्रीय गृहमंत्री को ज्ञापन भेजकर हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी करने, मॉब लिचिंग की धाराओं मे मामला दर्ज करने, मृतक कृष्णा वाल्मीकि के परिवार वालों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

मॉबलिंचिंग को लेकर पूरे देश में हाय-तौबा मचाने वाले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं सेक्युलर, लिबरल और वामपंथी मीडिया गैंग ने अभी तक इस पर चुप्पी साध रखी है। अगर यही घटना किसी बीजेपी शासित राज्य में हुई होती, तो यहीं गैंग मीडिया में इसे सुर्खियां बना चुका होता है। राहुल, प्रियंका से लेकर दलितों के ठेकेदार भी सब मौन है। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।

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