प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है महाकाल नगरी, असाधारण, अविश्वसनीय: उज्जैन में PM मोदी ने किया महाकाल लोक का अनावरण, धागे से बने शिवलिंग के दर्शन पाकर प्रसन्न हुए

भोपाल (उज्जैन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (11 अक्टूबर 2022) उज्जैन में श्री महाकाल लोक का अनावरण किया। इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ रहे। सामने आई वीडियो से धागे से बने विशाल शिवलिंग के भव्य दर्शन किए जा सकते हैं। पीछे पंडित मंत्रों का पाठ कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की थी। शाम के समय चूँकि जलाभिषेक नहीं होता इसलिए पीएम सिर्फ पूजा करके और महाकाल का आशीर्वाद लेकर आगे बढ़े। वीडियो में उन्हें विधि-विधान से पूजा-पाठ करते देखा जा सकता है।

पीएम मोदी ने कॉरिडोर का अनावरण करने के बाद “उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह, अवंतिका की ये आभा, ये अद्भुतता, ये आनंद, महाकाल की ये महिमा, ये महात्म्य ‘महाकाल लोक’ में लौकिक कुछ भी नहीं है। शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है, अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि ज्योतिषीय गणनाओं में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है। बल्कि यह भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है। उज्जैन, वो नगर है जो हमारी पवित्र सात पुरियों में से एक गिना जाता है। यह वो नगर है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने भी आकर शिक्षा ग्रहण की थी। उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का वो प्रताप देखा है, जिसने भारत के नए स्वर्णकाल की शुरुआत की थी।

उन्होंने यह भी कहा है कि उज्जैन के क्षण-क्षण में इतिहास सिमटा हुआ है, कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, सभ्यता और साहित्य का नेतृत्व किया है।

महाकाल कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुँचने के लिए भी ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो।

उन्होंने आगे कहा “मैं मानता हूँ, हमारे ज्योतिलिंगों का ये विकास भारत की आध्यात्मिक ज्योति का विकास है। भारत के ज्ञान और दर्शन का विकास है। भारत का ये सांस्कृतिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुँचकर विश्व के मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है।

गौरतलब है कि 856 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण का अनावरण के बाद पीएम मोदी के चेहरे पर खुशी साफ देखी गई। इस कार्यक्रम में करीब 200 संत और 60 हजार लोग मौजूद रहे। इसके बाद पीएम कमलकुंड, सप्तऋषि, मंडपम और नवग्रह का भी अवलोकन करेंगे।

गौरतलब है कि महाकाल लोक के कॉरिडोर की लंबाई 900 मीटर से ज्यादा है। इस परियोजना में महाकाल पथ में बलुआ पत्थर से 108 स्तंभ बनाए गए हैं। ये भगवान शिव के तांडव स्वरूप को दर्शाते हैं। 2.5 हेक्टेयर में फैला प्लाजा क्षेत्र कमल के तालाब से घिरा हुआ है। इसमें फव्वारे के साथ शिव की मूर्ति भी स्थापित है।

इसके अलावा महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव के जीवन को दर्शाने वाली कई मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं। पथ के साथ भित्ति दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं, जिनमें गणेश का जन्म, सती और दक्ष कहानियाँ आदि शामिल हैं। पूरे परिसर की चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी। यह निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों की मदद से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा की जाएगी।

महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर के मुख्य गेट पर करीब 20 फीट का शिवलिंग धागे से बनाया गया है। इसी पर से पर्दा उठाकर पीएम मोदी ने कॉरिडोर का उद्घाटन किया। महाकालेश्वर मंदिर विकास परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के उज्जैन में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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