कुंभ 2021: हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि के दिन पहला शाही स्नान, फरवरी में भी हैं स्नान की तारीख

धर्म डेस्क। हरिद्वार कुंभ का पहला शाही स्नान, महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होगा। 11 मार्च शिवरात्रि को पहले शाही स्नान पर संन्यासियों के सात और 27 अप्रैल वैशाख पूर्णिमा पर बैरागी अणियों के तीन अखाड़े कुंभ में स्नान करते हैं। 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल मेष संक्रांति के मुख्य शाही स्नान पर सभी 13 अखाड़ों का हरिद्वार कुंभ में स्नान होगा।

पहले शाही स्नान 11 मार्च को जूना, अग्नि, आह्वान, निरंजनी, आनंद, महानिर्वाणी और अटल सात संन्यासी अखाड़ों के नागाओं का शाही स्नान होगा। इस दिन इन अखाड़ों से जुड़े साधु शाही जुलूस निकालकर हर की पौड़ी और ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे।

 

कुंभ से पहले 16 फरवरी को वसंत पंचमी, 19 फरवरी को आरोग्य रथ सप्तमी व 20 फरवरी को भीमाष्टमी का स्नान है। ऐसे में हरिद्वार जाने वाले ट्रेनों में भीड़ होने की संभावना है। कुंभ के दौरान रेल यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और आरटी-पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट संबंधी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य करने का अनुरोध किया गया है।

गौरतलब है कि हरिद्वार कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यहां विशेष दिशा-निर्देश भी तय किए हैं। इन दिशा निर्देशों के तहत 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, छोटे बच्चों एवं बीमार व्यक्तियों को हरिद्वार न आने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही गंगा में स्नान करने वाले व्यक्तियों के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।

 

प्रशासन के मुताबिक ये सभी निर्देश कुंभ मेले के दौरान अमल में लाए जाएंगे। हालांकि कुंभ से पहले इस प्रकार के नियमों की हरिद्वार में कोई बाध्यता नहीं है। मौनी अमावस्या के अवसर पर भी लाखों लोग हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। हरिद्वार प्रशासन ने भी इसके लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए थे।

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आगामी कुंभ मेले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के कार्यो में तेजी लाने के साथ ही पुरानी विद्युत परियोजनाओं के सुधारात्मक उपायों पर विशेष ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने एलईडी ग्राम लाइट योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने हेतु बंगाल के दक्ष करीगरों की सेवायें लेने को कहा, ताकि उनके स्तर पर और बेहतर उत्पादन हो सके तथा आर्थिक संसाधनों में और अधिक वृद्धि हो सके।

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